आखिरी महीनों में आवंटित बजट का 13224 करोड़ खर्च करना चुनौती, जानिए
नौ माह यानी 31 दिसंबर तक सभी महकमों को कुल आवंटित 27734 करोड़ में से 6491 करोड़ खर्च नहीं हो पाए हैं।
By Edited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 06:34 PM (IST)
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। राज्य में जन उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में महकमों की बजट खर्च को लेकर सुस्ती ब्रेक लगा रही है। दूरदराज के इलाके सड़कों के लिए तरस रहे हैं, तो प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक विद्यालय-महाविद्यालय भवनों के अभाव में छात्र-छात्राओं को मुसीबतें उठानी पड़ रही है। नहरें नहीं होने से दूरदराज गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं, लेकिन महकमों को जन सरोकारों से खास लेना-देना नहीं है। बजट खर्च के आंकड़े यही तस्दीक कर रहे हैं।
नौ माह यानी 31 दिसंबर तक सभी महकमों को कुल आवंटित 27734 करोड़ में से 6491 करोड़ खर्च नहीं हो पाए हैं। इसमें कुल शेष बजट प्रावधान राशि को शामिल किया जाए तो आखिरी तीन महीनों में सरकार के सामने 13,224 करोड़ खर्च करने की चुनौती खड़ी हो गई है। आधा दर्जन महकमों ने नौ माह गुजरने पर आवंटित बजट का 50 फीसद भी खर्च नहीं किया है। उधर, वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि मार्च फाइनल में बजट निपटाने की महकमों की मंशा पूरी नहीं होने दी जाएगी। कम बजट खर्च करने वाले महकमों को आखिरी माह यानी मार्च माह में बजट की धनराशि जारी नहीं की जाएगी।
चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 की आखिरी तिमाही रहते कुल आवंटित बजट में से अभी करीब 81 फीसद बजट ही खर्च हो सका है। तकरीबन 19 फीसद आवंटित बजट खर्च होना बाकी है। यही नहीं कुल बजट प्रावधान राशि 40958.55 करोड़ में से नौ महीनों में महज 67.71 फीसद बजट ही महकमों को आवंटित किया जा सका है। अधिकतर महकमे उन्हें दिए गए बजट का 70 फीसद भी खर्च नहीं कर सके हैं। इनमें कई ऐसे महत्वपूर्ण महकमे भी शामिल हैं, जिन पर सरकार की अहम घोषणाओं को पूरा करने का जिम्मा भी है।
महकमों के बजट खर्च करने में हीलाहवाली पर सरकार की भी नजर है। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि मार्च फाइनल में बजट खर्च करने की प्रवृत्ति पर सरकार अंकुश लगाएगी। महकमों को बजट के तेजी से सदुपयोग के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बीते वर्षो की तुलना में बजट का अपेक्षाकृत अधिक उपयोग हुआ है, लेकिन बजट खर्च को वास्तविक रखने की हिदायत महकमों को दी जाएगी।
31 दिसंबर, 2018 तक महकमेवार बजट खर्च की स्थिति (बजट आवंटन राशि करोड़ रुपये में, बजट खर्च-फीसद में)
आवंटित बजट का 50 फीसद से कम खर्च करने वाले महकमे
महकमा, बजट आवंटन, बजट खर्च
खाद्य, 2485.41, 32.03
लघु सिंचाई, 66.15, 40.12
आइसीडीएस, 682.35, 43.24
खेल, 30.34, 46.27
समाज कल्याण, 1175.20, 49.82
आवंटित बजट का 70 फीसद से कम खर्च करने वाले महकमे
महकमा, बजट आवंटन, बजट खर्च
पीडब्ल्यूडी, 1868.78, 66.63
उच्च शिक्षा, 438.58, 66.74
आपदा प्रबंधन, 442.74, 66.68
चिकित्सा शिक्षा, 339.93, 67.29
आवास, 27.30, 61.35
पंचायती राज, 85.48, 61.92
उद्यान, 222.90, 65.93
सैनिक कल्याण, 37.71, 58.04
युवा कल्याण, 27.68, 56.86
श्रम, 121.71, 50.36
सहकारिता, 51.53, 56.25
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