सीमांत क्षेत्र के विकास व कनेक्टिविटी पर ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के सदस्यों से मुलाकात में कहा कि राज्य के 25 विकासखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के सदस्यों से मुलाकात में कहा कि राज्य के 25 विकासखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हैं। सीमांत क्षेत्रों में विकास व बेहतर कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस दौरान यूएनडीपी के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से प्रदेश में चल रहे समग्र विकास से संबंधित कार्यक्रमों के डॉक्यूमेंटेशन पर ध्यान देने की बात कही है।
बुधवार को यूएनडीपी के प्रतिनिधिमंडल ने टीम लीडर जे सिमोनसेन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्य में प्राथमिकता वाले विभिन्न क्षेत्र जैसे, स्वास्थ्य, पेयजल, पुष्टाहार आदि में संचालित कार्यक्रमों के संबंध में विचार विमर्श किया। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व पर्यावरण के क्षेत्र में और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने में कारगर पहल की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दो नदियों के पुनर्जीवीकरण की दशा में पहल की गई है। शहर को ग्रेविटी का पानी उपलब्ध कराने के लिए तीन स्थान पर झील का निर्माण किया जा रहा है। जलसंचय को रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को माई सोशल रिस्पांसबिलिटी कार्यक्रम के तहत जागरूक किया जा रहा है। प्रयास है कि राज्य के टेक्नोक्रेट और प्रोफेशनल गांवों के विकास में अपनी भूमिका तय करें। ये सभी राज्य की 670 न्याय पंचायतों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को तमाम क्षेत्रों में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि यूनडीपी संयुक्त राष्ट्र संघ का वैश्विक विकास कार्यक्रम है। यह गरीबी कम करने, आधारभूत ढांचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करता है। यूएनडीपी का उद्देश्य लोगों को बेहतर जीवन बनाने में मदद करना है।
प्रतिनिधिमंडल में वीपी पांडे, रत्ना विश्वनाथ, डॉ. राकेश कुमार, क्लॉडिया प्रोविडास और डॉ. मनीष पंत आदि शामिल थे।