जागरण असर यमुना के एंट्री प्वाइंट पर लगाए गए चेतावनी बोर्ड
विकासनगर व्यासी जल विद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन के चलते यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने से हादसे का खतरा बना रहता है जिसको लेकर परियोजना प्रबंधन ने कई जगह चेतावनी बोर्ड लगावाए हैं।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: व्यासी जल विद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ने, घटने पर हादसे का खतरा बना रहता है। इस प्रकरण को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया, जिस यूजेवीएनएल अधिकारियों ने हथियारी, डुमेट, कटापत्थर, बाड़वाला क्षेत्र में करीब 50 स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं।
यूजेवीएनएल के चेतावनी बोर्ड पर साफ तौर पर लिखा है कि व्यासी परियोजना के जुड्डो और हथियारी स्थित विद्युत गृह से कभी भी यमुना नदी में पानी छोड़ा जा सकता है। नदी के जल स्तर में अचानक बदलाव हो सकता है। यमुना नदी के तट पर लगे सायरन की ध्वनि सुनाई देने का मतलब है कि यमुना नदी से जनमानस दूर हो जाएं और मवेशियों को भी दूर रखें। अत: जान माल की सुरक्षा को दृष्टिगत कोई भी व्यक्ति नदी में न जाए और न ही अपने मवेशियों को जाने दें। चेतावनी बोर्ड लगने से अब उसे पढ़कर लोग जागरूक होंगे और यमुना में जाने से बचेंगे।
दरअसल, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होते कटापत्थर में पर्यटकों के आवागमन के कारण हादसे का खतरा बना रहता है। कुछ लोग कटापत्थर कैनाल से गिरने वाले पानी में नहाने के साथ ही किनारे पर बैठकर पिकनिक मनाते हैं। इसके साथ ही हथियारी, कटापत्थर, डुमेट, बाड़वाला क्षेत्र में लोग वाहन आदि भी धोते हैं। यमुना में अचानक जलस्तर बढ़ने से खतरा उत्पन्न हो गया है। क्योंकि 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना में बिजली उत्पाइन शुरू करने के लिए 60 क्यूमेक्स पानी एक साथ छोड़ा जाता है। नदी अचानक लबालब हो जाती है, बहाव इतना तेज होता है कि सूखे हिस्से में बैठे व्यक्तियों को भागने का मौका तक नहीं मिलता।
व्यासी जल विद्युत परियोजना के अधिशासी निदेशक यांत्रिक हिमांशु अवस्थी का कहना है कि यमुना में पानी छोड़ने से पहले जुड्डो, हथियारी और कटापत्थर में लगे तीन सायरन बजाए जाते हैं। हथियारी से बाड़वाला तक चेतावनी बोर्ड भी लगवा दिए गए हैं, जिससे लोग जागरूक हों और यमुना में जाने से बचें।