भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले, मातृशक्ति को सामर्थ्यवान और सबल बनाना हमारा मंतव्य
महिलाओं के योगदान को याद करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने क्हा कि अनादिकाल से देश की जितनी सेवा मातृशक्ति ने की है उतनी किसी अन्य ने नहीं की। वेदों उपनिषदों व अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी इसकी चर्चा हुई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिलाओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि अनादिकाल से देश की जितनी सेवा मातृशक्ति ने की है, उतनी किसी अन्य ने नहीं की। वेदों, उपनिषदों व अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी इसकी चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति को सामर्थ्यवान और सबल बनाना हमारा मंतव्य है। उन्होंने महिला मोर्चा समेत पार्टी के सभी कार्यकर्त्ताओं को समय का सदुपयोग करने की नसीहत भी दी।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा सोमवार को यहां आयोजित भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास, पुराण और अन्य प्रभावशाली ग्रंथ मातृशक्ति की विशिष्टता की चर्चा करते हैं। गुरुकुल में भी मातृशक्ति का विशिष्ट स्थान था। उन्होंने कहा कि आज हम 'लेडीज फर्स्ट' की बात करते हैं, जबकि देश में गौरीशंकर, सीताराम, राधाकृष्ण जैसे शब्द वर्षों से प्रचलित हैं, जो इस बात का प्रतीक हैं कि देश में मातृशक्ति विशेष रूप से सम्मानित रही है।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद देश के विकास में महिलाओं के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में पहली बार उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान, विदेश, वित्त, रक्षा जैसे विभाग मातृशक्ति को सौंपे। यह इस बात का द्योतक है कि देश में मातृशक्ति पूरी तरह सामर्थ्यवान और कार्यकुशल है। वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 14 फीसद महिलाएं हैं। आज महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण के मद्देनजर केंद्र की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख भी किया।
यह भी पढ़ें- वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- प्राथमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल हो आजादी का इतिहास
उन्होंने राजमाता विजयराजे सिंधिया को विशेष रूप से याद किया और कहा कि महिला मोर्चा को उन्हें अपना आदर्श मानते हुए कार्य करना चाहिए। उन्होंने केंद्र की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने, समाज में व्याप्त कन्या भू्रण हत्या, दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ स्कूल-कालेजों में अभियान चलाने, शिक्षा और स्वास्थ्य के विषयों पर कार्य करने, महिला अपराधों के खिलाफ अभियान चलाने, स्वयं सहायता समूहों से निरंतर संवाद करने, निकायों की महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने, पोषण अभियान को कार्ययोजना का हिस्सा बनाने के निर्देश भी दिए। समय के सदुपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें हमारे कार्यों के लिए ही याद किया जाएगा।