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जंग ए मैदान में जीरो टॉलरेंस बनाम लोकायुक्त

भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के प्रमुख हथियार पर कांग्रेस लोकायुक्त के गठन में देरी और सरकार के स्टिंग से प्रहार करने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 03:01 AM (IST)
जंग ए मैदान में जीरो टॉलरेंस बनाम लोकायुक्त
जंग ए मैदान में जीरो टॉलरेंस बनाम लोकायुक्त

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून

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भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के प्रमुख हथियार पर कांग्रेस लोकायुक्त के गठन में देरी और सरकार के स्टिंग से प्रहार करने जा रही है। जी हां, प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस ने एक-दूसरे के खिलाफ बड़ी जंग की तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के मौके पर दोनों दलों के बीच सियासी जंग में दोनों ओर से एकदूसरे पर घोटाले के आरोपों से जमकर वार-पलटवार होंगे

प्रदेश में भारी बहुमत से सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने अब तक जिस अस्त्र को सबसे आगे रखा है, वह है भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस। इसी रणनीति पर आगे बढ़ते हुए पिछली कांग्रेस सरकार के कई मामले अब घोटालों की शक्ल में एसआइटी जांच से लेकर विजिलेंस जांच के घेरे में है। भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले हरिद्वार-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग-74 घोटाले के रूप में कई अधिकारियों पर कार्रवाई करते की तो साफतौर पर यह माना गया कि उसके निशाने पर पिछली कांग्रेस सरकार है। इसकी एसआइटी जांच अभी जारी है। इस बीच दो साल पूरे करने से पहले ही सरकार समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला, शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा, सिडकुल घोटाले को उजागर उसके खिलाफ एसआइटी जांच तेज कर चुकी है। इसके अलावा विजिलेंस जांच के भी कई मामले चल रहे हैं। यानी भाजपा सरकार के तरकश में पिछली सरकार के घोटाले के रूप में कई मुद्दे हैं।

भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी

पिछली कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को भाजपा विधानसभा चुनाव में भी प्रमुख मुद्दा बना चुकी है। यही वजह है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में अनियमितताओं के मामले सामने आते ही उन पर सख्त रुख अपनाने का सिलसिला अब भी बदस्तूर जारी है। जाहिर है कि भाजपा इस मामले में कांग्रेस को लगातार बैकफुट पर रखने की रणनीति पर शिद्दत से जुटी हुई है। नगर निकाय चुनाव में भाजपा अपनी इस रणनीति के तहत ही कांग्रेस को सरकार के खिलाफ मुद्दों को धार देने से रोकने में कामयाब मानी गई है।

भ्रष्टाचार के मामलों पर चार्जशीट

अब सूबे की प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा के इस रणनीति को भांपकर आक्रामक ढंग से जवाब देने की ठान ली है। खासतौर पर लोकसभा की चुनावी जंग को करो या मरो के रूप में लड़ रही कांग्रेस भी भाजपा की काट की पुरजोर तैयारी में जुटी है। भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर अब लोकायुक्त के गठन में देरी और सरकार के खिलाफ स्टिंग को प्रमुख हथियार बनाकर बलाकर पलटवार किया जाएगा। सरकार के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने के लिए चार्जशीट कमेटी गठित की जा चुकी है। कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। कमेटी ने जिलों से लेकर ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं को भी भ्रष्टाचार के मुद्दों को सामने लाने को कहा है। इसके पीछे ब्लॉक स्तर के चर्चित मुद्दों को लेकर निचले स्तर तक मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति तय की गई है।

जनविरोधी फैसले बनेंगे मुद्दा

भाजपा सरकार अगले माह मार्च की 18 तारीख को दो साल पूरे कर रही है। तब तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लागू होना तय माना जा रहा है। चुनाव के मौके पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए चार्जशीट तैयार कर उसे राज्यपाल को सौंपने का एलान किया है। चार्जशीट में दो वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और जनविरोधी फैसलों का ब्योरा दिया जाएगा। ----------

भाजपा के तरकश में तीर

-एनएच-74 घोटाला, समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला, चावल घोटाला कांग्रेस के बनेंगे ये हथियार

-लोकायुक्त के गठन में देरी, सरकार के खिलाफ स्टिंग, विभिन्न योजनाओं में देरी, एनएच-74 घोटाले की जांच का बढ़े दायरा


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