Move to Jagran APP

महिला मतदाताओं पर भाजपा की निगाहें, इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों से अधिक महिला वोटर

प्रदेश में अभी कुल 7909103 मतदाता हैं। इनमें से 4165814 पुरुष और 3743056 महिला मतदाता हैं। भाजपा द्वारा उत्तराखंड में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति का आयोजन आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महिला मतदाताओं को अपने पाले में खींचने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 07:10 AM (IST)
महिला मतदाताओं पर भाजपा की निगाहें, इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों से अधिक महिला वोटर
सांगठनिक दृष्टि से भाजपा का महिला मोर्चा अन्य दलों की तुलना में ज्यादा मजबूत है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में मातृ शक्ति की हर मोर्चे पर अहम भूमिका रहती आई है। राज्य आंदोलन से लेकर चुनावों तक में मातृशक्ति हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़ी रही है। यही वजह है कि राजनीतिक दलों की मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बनाई जाने वाली तमाम योजनाओं के केंद्र में मातृशक्ति जरूर रहती है। भाजपा द्वारा उत्तराखंड में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति का आयोजन आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महिला मतदाताओं को अपने पाले में खींचने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

loksabha election banner

उत्तराखंड की मतदाता सूची पर नजर डालें तो प्रदेश में अभी कुल 7909103 मतदाता हैं। इनमें से 4165814 पुरुष और 3743056 महिला मतदाता हैं। प्रतिशत की बात करें तो कुल मतदाताओं में 47 फीसद महिला मतदाता हैं। प्रदेश के पांच विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। गढ़़वाल मंडल में केदारनाथ विधानसभा में महिला मतदाता पुरुषों की तुलना में अधिक हैं। कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, कोटद्वार और चौबट्टाखाल में पुरुष व महिला मतदाताओं के बीच 1000 से भी कम का ही अंतर है। वहीं, कुमाऊ मंडल में धारचूला, डीडीहाट, द्वाराहाट और पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। कपकोट में पुरुष व महिला मतदाताओं में केवल 800 का अंतर है।

विशेष यह कि अधिसंख्य महिला मतदाता पोलिंग बूथ तक भी पहुंचती हैं। ऐसे में महिला मतदाताओं की भूमिका चुनाव में खासी अहम हो जाती है। उत्तराखंड में महिलाएं अपने हक-हकूक को लेकर काफी जागरूक रहती हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में युवक मंगल दल के सापेक्ष महिला मंगल दलों की संख्या अधिक है। पर्वतीय क्षेत्रों में पुरुषों के अधिकांश काम के लिए दूसरे शहरों में जाने के कारण महिलाएं ही गृहस्थी से लेकर खेती तक के सारे कार्य निपटाती हैं।

यह भी पढ़ें- मंत्री यशपाल आर्य से मिलने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी, जानिए मुलाकात के बाद वे क्या बोले

राजनीति की दृष्टि से बात करें तो महिलाएं विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश में पार्षद व महापौर से लेकर विधायक व मंत्री पद तक संभाल रही हैं। सांगठनिक दृष्टि से भाजपा का महिला मोर्चा अन्य दलों की तुलना में ज्यादा मजबूत है। अब भाजपा इन्हीं के जरिये महिला मतदाताओं को अपने पाले में लाने की कवायद में जुटी है। महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के केंद्र बिंदु में भी महिला सशक्तीकरण व महिला कल्याण से संबंधित विषय शामिल है। संगठन को उम्मीद है कि देवभूमि में होने वाले इस मंथन के जरिये महिला सशक्तीकरण के लिए अहम निर्णय महिला मतदाताओं को पार्टी से जोडऩे और पार्टी के लिए वोट बटोरने में मददगार साबित होंगे।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गोदियाल बोले, टैबलेट और स्मार्ट फोन खरीद में गड़बड़ी का अंदेशा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.