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डीपीसी मामले में कांग्रेस की आपत्ति पर भड़की भाजपा, लगाया ये आरोप

जिला योजना में आवंटित राशि को प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में खर्च करने का अधिकार डीएम को दिए जाने पर कांग्रेस की आपत्ति पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 02:45 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 02:45 PM (IST)
डीपीसी मामले में कांग्रेस की आपत्ति पर भड़की भाजपा, लगाया ये आरोप
डीपीसी मामले में कांग्रेस की आपत्ति पर भड़की भाजपा, लगाया ये आरोप

देहरादून, राज्य ब्यूरो। जिला योजना समिति (डीपीसी) के चुनाव न होने के मद्देनजर जिला योजना में आवंटित राशि को प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में खर्च करने का अधिकार डीएम को दिए जाने पर कांग्रेस की आपत्ति पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इस मामले में कांग्रेस पर संकीर्ण राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।

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भाजपा के मुख्य प्रवक्ता चौहान ने कहा कि कांग्रेस का ये कहना कि सरकार का निर्णय तानाशाहीपूर्ण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है, नितांत गैरजिम्मेदाराना और काल्पनिक है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत डीपीसी का गठन किया जाता है। इसके लिए राज्य में एक अधिनियम पहले ही विद्यमान है। इसकी व्यवस्था के अनुसार डीपीसी में जिला पंचायत और स्थानीय निकायों के सदस्य चुने जाते हैं।

उन्होंने कहा कि डीपीसी के गठन का अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग को है न कि सरकार को। आयोग ने समय पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, मगर कोविड-19 के कारण इसे रोकना पड़ा। ऐसी स्थिति में आरोप-प्रत्यारोप अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत अस्थाई व्यवस्था इसलिए की है कि डीपीसी के गठन के अभाव में नितांत आवश्यक जनहित के कामों को संपादित कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ये आरोप कि इससे भ्रष्टाचार पनपेगा नितांत मनगढ़ंत है। वजह ये कि डीपीसी केवल विभागों के परिव्यय का निर्धारण एवं योजनाओं का चयन करती है। वह कार्यदायी संस्था नहीं है। व्यय पूर्व की भांति संबंधित विभागों के जरिये ही होगा।

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गन्ने का बकाया भुगतान करे सरकार: रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति के साथ ही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल के अलावा सब्जी, फूल, सरसों व फलों को भारी नुकसान हुआ है। हरीश रावत ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में गन्ना किसान केवल गन्ने की बकाया भुगतान राशि पर ही निर्भर रह गए हैं। किसानों का अभी भी काफी पैसा मिलों पर बकाया है। उन्होंने सीएम से आग्रह किया कि इकबालपुर चीनी मिल सहित सभी चीनी मिलों के किसानों की बकाया भुगतान के आदेश जल्द जारी किए जाएं। 

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