भारत रक्षा पर्व-बहनों ने राखी बांधी तो भावुक हुए हिमवीर
जागरण संवाददाता, देहरादून: देश की आन, बान और शान के लिए परिवार से दूर रहने वाले हिमवीरों की
जागरण संवाददाता, देहरादून: देश की आन, बान और शान के लिए परिवार से दूर रहने वाले हिमवीरों की कलाई पर विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने राखी सजाई तो वह भावुक हो गए। उन्होंने बहनों को उपहार तो दिए ही, साथ ही रक्षा का वचन भी दिया। मौका था दैनिक जागरण की ओर से भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) उत्तरी फ्रंटियर के सीमाद्वार स्थित मुख्यालय में 'भारत रक्षा पर्व' का। इस दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी खूब समां बांधा और पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो गया।
'भारत रक्षा पर्व' के तहत विभिन्न स्कूलों की छात्राओं व महिला संगठनों ने सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए राखियां और ग्रीटिंग कार्ड्स बनाए थे। पिछले दिनों दून पहुंचा रक्षा रथ राखियों को लेकर बार्डर के लिए रवाना हुआ था। लेकिन छात्राओं ने कुछ राखियां संभाल कर रख ली थी। जिन्हें शुक्रवार को उन्होंने हिमवीरों की कलाई पर बांधा। कार्यक्रम की शुरुआत हिल फाउंडेशन ऐकेडमी की छात्राओं ने गणेश वंदना के साथ की। इसके बाद नृत्य नाटिका ऐसा देश है मेरा की प्रस्तुति दी। नृत्यों की मनमोहक छटा बिखेरने का सिलसिला एक के बाद एक चलता रहा। इस बीच स्कूली छात्राओं ने हिमवीरों की कलाई पर राखियां बांधी और उन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स भी दिए। 23वीं बटालियन आइटीबीपी के कमाडेंट अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि आइटीबीपी के जवानों को हिमवीर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वह 12 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात होकर देश की रक्षा करते हैं। रक्षाबंधन हो या कोई भी पर्व, घर से दूर जवानों को परिवार की याद आती ही है। लेकिन जब एक साथ इतनी बहनों की राखियां कलाई पर सुशोभित होती हैं तो लगता है कि हमारा परिवार साथ है। दैनिक जागरण के भारत रक्षा पर्व की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्व बहनों का अपने फौजी भाईयों के प्रति स्नेह को दर्शाता है। सैनिक भी सुरक्षा का दायित्व बखूबी निभाते हैं और निभाते रहेंगे। डिप्टी कमांडेंट हरीश चंद्र उप्रेती व मुकेश कुमार ने कहा कि जब सैनिक को राखी मिलती है तो उस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। बहनों के इस प्यार को देखते हुए हर कोई भावुक है।