भाई-बहन स्नेह का प्रतीक भैया दूज पर्व आज, जानिए शुभ मुहूर्त
भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक 'भैया दूज' आज मनाया जा रहा है। दोपहर 1.08 बजे से इसका शुभ मुहूर्त है, जो शाम 4.36 मिनट तक रहेगा।
देहरादून, [जेएनएन]: भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक और पंचकल्याणी पर्व शृंखला का अंतिम पर्व 'भैया दूज' आज मनाया जा रहा है। राहुकाल के बाद ही 1.08 बजे से इसका शुभ मुहूर्त है, जो शाम 4.36 मिनट तक रहेगा।
भैया दूज के लिए भाइयों के साथ ही बहनों से एक दिन पहले ही तैयारी कर ली। इसके लिए भाइयों ने बहनों के लिए जहां उपहार खरीदे, वहीं बहनों ने भाइयों के लिए नारियल, खील, बताशे, मिठाई आदि की खरीदारी की। भाइयों ने भी बहनों के लिए उपहार आदि की खरीदारी की।
भैया दूज पर बहनें भाइयों को तिलक कर दीर्घायु और यशस्वी होने की कामना करती हैं और भाई रक्षा का वचन देते हैं। कहते हैं कि स्वयं यमराज भी अपनी बहन यमुना से टीका कराने यमनोत्री धाम पहुंचते हैं, इसलिए भैयादूज को यम के दरवाजे बंद रहते हैं।
परंपरा के अनुसार इसी दिन शीतकाल के लिए यमुनोत्री धाम के बंद कर दिए जाते हैं। यमुना में स्नान करने से शनि दोष, रोग और अकाल मृत्यु का भय नहीं होता। भैया दूज पर विघ्नविनायक गणेश और महादेव शिव की पूजा भी की जाती है।
आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि पौराणिक प्रसंग के अनुसार भैयादूज का पर्व यमराज (काल) और उनकी बहन यमुना के स्नेह का प्रतीक है। यमराज सूर्य के पुत्र और शनि के भाई हैं। इस दिन वह यमलोक छोड़कर बहन यमुना से मिलने यमनोत्री पहुंचते हैं। इसीलिए इस पावन मौके पर यमलोक के द्वार बंद रहते हैं।
राहु काल सुबह 10.37 बजे तक
भैया दूज पर्व पर राहु काल में भाइयों को तिलक नहीं लगाना चाहिए। सुबह 9.13 से राहु काल शुरू होगा और 10.37 मिनट तक रहेगा। भद्रा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
शुभ मुहूर्त
दोपहर 1.08 बजे से शाम 4.36 मिनट तक
व्रत रखती हैं महिलाएं
भैया दूज पर महिलाएं भाई की लंबी आयु को व्रत भी रखती हैं। व्रत भाई को तिलक लगाने के बाद ही खोला जाता है। इस वजह से भाई भी जल्द से जल्द बहन के पास पहुंचना चाहते हैं। बहन को ज्यादा देर तक भूखा न रहना पड़े, इसलिए काफी लोग बहन के घर के लिए शुक्रवार शाम ही रवाना हो गए।
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