भैरव सेना की 'भिक्षा पदयात्रा' 21 सितंबर से
उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने बेरोजगारी और पलायन को लेकर भैरव सेना 21 सितंबर से भिक्षा पदयात्रा निकालने जा रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने, बेरोजगारी और पलायन को लेकर भैरव सेना 21 सितंबर से 'भिक्षा पदयात्रा' निकालने जा रही है। इसके साथ ही 17 अक्टूबर से नवरात्र में नौ दिनों तक बगलामुखी महायज्ञ किया जाएगा। इसमें सवा लाख आहुति देकर राज्य की संस्कृति बचाने के लिए प्रार्थना की जाएगी।
शुक्रवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में भैरव सेना अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि जिस तरह लोग पश्चिमी सभ्यता की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब राज्य की संस्कृति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगी। साथ ही, उन्होंने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी व पलायन पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर से सात अक्टूबर तक भिक्षा पदयात्रा के तहत जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। दून में बंजारावाला, अजबपुर, धर्मपुर, हर्रावाला, बालावाला, राजपुर समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में घर-घर जाकर नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। इसमें प्रति परिवार से एक-एक मुट्ठी चावल, जौ, पंचमेवा, चीनी, तेल भिक्षा के रूप में लिया जाएगा। भैरव सेना के धर्म संस्कृति प्रमुख यज्ञाचार्य यति राम स्वरूपानंद सरस्वती ने चीन-नेपाल को लेकर कहा कि चीन के बहकावे में आकर नेपाल भारत के साथ संबंध बिगाड़ रहा है। नेपाल को समझना चाहिए कि कई दशकों से जिस भारत ने उसकी मदद की और हर बार उसका साथ दिया। आज चीन के कहने पर वह भारत से रिश्ते खराब कर रहा है। प्रदेश सचिव आचार्य उमाकांत भट्ट ने कहा कि राज्य में पहले स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए फिर बाहरी व्यक्तियों को। इस मौके पर उपेंद्र पंत, संजय पंवार, संजीव, करण शर्मा, महेश, राहुल सूद आदि मौजूद रहे।