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यहां बीएड कॉलेजों को अब हर साल लेनी होगी एनसीटीई से मान्यता, जानिए

उत्तराखंंड में सभी बीएड और एमएड कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने मान्यता लेनी होगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 02:44 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 08:19 PM (IST)
यहां बीएड कॉलेजों को अब हर साल लेनी होगी एनसीटीई से मान्यता, जानिए
यहां बीएड कॉलेजों को अब हर साल लेनी होगी एनसीटीई से मान्यता, जानिए

देहरादून, अशोक केडियाल। प्रदेश के सभी बीएड और एमएड कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने मान्यता लेनी होगी। वन टाइम मान्यता व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया गया है। राज्य के निजी व सरकारी सहायता प्राप्त बीएडी कॉलेजों को 31 दिसंबर 2019 तक परफोरमेंस एप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) ऑनलाइन भरनी होगी। जो संस्थान निर्धारित तिथि तक पीएआर नहीं भरेगा उस संस्थान में एनसीटीई की टीम दोबारा निरीक्षण करेगी और जांच में सही पाए जाने के बाद ही मान्यता देगी। 

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एनसीटीई ने सभी सरकारी और निजी बीएड, एमएड कॉलेज को निर्देश जारी करते हुए बीते 23 सितंबर को नोटिस जारी किया। बीएड संस्थानों से मांगा गया पूरा विवरण केवल ऑनलाइन भरना होगा। एनसीटीई के इस कड़े नियम के बाद उन निजी बीएड कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं जहां नियमानुसार फैकल्टी नहीं है और वह छात्रों से मोटी फीस वसूल लेते हैं। एनसीटीई के पुराने नियमों के तहत बीएड संस्थान खुलते समय मिली मान्यता के आधार पर वर्षों से चल रहे हैं। जबकि उसमें आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकल्टी आदि मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

इन्हीं सुविधाओं का भौतिक सत्यापन के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने वन टाइम मान्यता के स्थान पर प्रतिवर्ष मान्यता देने का प्रावधान किया है। उत्तराखंड के सभी 110 सरकारी व निजी बीएड कॉलेज को 31 दिसंबर तक वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट देनी होगी। प्रदेश में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विवि, श्रीदेव सुमन विवि और कुमाऊं विवि से संबद्ध करीब 110 बीएड कॉलेज प्रदेश में संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों में बीएड, एमएड, डीएलएड ब्रिजकोर्स आदि संचालित हैं। 

फैकल्टी में फसेंगे कई बीएड कॉलेज 

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से जो नियम बनाए गए हैं उसके अनुसार 100 छात्रों पर 16 फैकल्टी अनिवार्य है। जबकि प्रदेश में करीब 70 फीसद बीएड कॉलेजों में 100 बीएड छात्रों के लिए छह से सात शिक्षक ही नियुक्त हैं। एनसीटीई के नियमों की रस्म अदायगी के लिए कुछ शिक्षकों को केवल फैकल्टी पूरी करने के लिए संस्थान से जोड़ा गया है। ऐसे में एक शिक्षक एक संस्थान में पढ़ाता है, लेकिन उसका नाम दो से तीन संस्थानों में चल रहा है। अब प्रतिवर्ष मान्यता के लिए ऑनलाइन परफोरमेंस एप्रेजल रिपोर्ट भेजते ही ऐसे शिक्षक चिह्नित हो जाएंगे जो दो से तीन बीएड कॉलेजों में बतौर फैकल्टी नियुक्त हैं। क्योंकि फैकल्टी का पूरा विवरण आधार नंबर सहित देना है। 

यह है उत्तराखंड में बीएड कॉलेजों की संख्या 

एचएनबी गढ़वाल विवि से संबद्ध-36 

सरकारी सेल्फ फाइनेंस-06 

श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध-24 

सरकारी सेल्फ फाइनेंस-08 

कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध-30 

सरकारी सेल्फ फाइनेंस-08 

श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बीएड और एमएड कॉलेजों के लिए हर वर्ष परफोरमेंस एप्रेजल रिपोर्ट का प्रावधान किया है। इसका प्रदेश में पूरी तरह पालन किया जाएगा। चूंकि यह रिपोर्ट ऑनलाइन ही जमा होनी है। इसलिए विवि स्तर पर निर्देश जारी नहीं किए जा सकते हैं। सभी बीएड कॉलेज एनसीटीई के नियमों के तहत की संचालित होते हैं, जिससे उन्हें गाइडलाइन के अनुरूप रिपोर्ट देनी होगी। 

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वहीं, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा, एनसीटीई का यह निर्णय कुछ मायने में सही भी है। अब सभी बीएड और एमएड संस्थानों को अपने आधारभूत ढांचे, सुविधाओं और फैकल्टी पर विशेष ध्यान देना होगा। एनसीटीई के पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट जमा करने में अभी समय है। लिहाजा बीएड कॉलेजों को अभी से तैयारी करनी होगी।

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