राजकीय महाविद्यालय त्यूणी में पहले सत्र में नहीं भरी बीकॉम की 30 सीटें
राजकीय महाविद्यालय त्यूणी में तमाम प्रयासों के बाद भी बीकॉम में कोई दाखिला नहीं हो पाया। सीटों को भरने के लिए महाविद्यालय प्रशासन ने दो बार तिथि बढ़ाई पर किसी के प्रवेश नहीं लेने से बीकॉम की सभी 30 सीटें खाली रह गई।
चकराता (देहरादून), जेएनएन। राजकीय महाविद्यालय त्यूणी में तमाम प्रयासों के बाद भी बीकॉम में कोई दाखिला नहीं हो पाया। सीटों को भरने के लिए महाविद्यालय प्रशासन ने दो बार तिथि बढ़ाई पर किसी के प्रवेश नहीं लेने से बीकॉम की सभी 30 सीटें खाली रह गई। यहां पहली बार बीएससी व बीकॉम की कक्षाएं संचालित होने से महाविद्यालय प्रशासन को नए सत्र में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं के एडमिशन लेने का बेसब्री से इंतजार है।
करीब डेढ़ दशक पहले अस्तित्व में आए राजकीय महाविद्यालय त्यूणी का अब अपना भवन बनकर तैयार हो गया है। करोंडो की लागत से बने महाविद्यालय के नए भवन को हेंडओवर करने और उसके लोकार्पण की तैयारी चल रही है। जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में रह रहे सैकडों ग्रामीण छात्र-छात्राओं को घर के पास उच्च शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने डेढ़ दशक पहले चकराता व त्यूणी में दो राजकीय महाविद्यालय की स्थापना कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी। महाविद्यालय खुलने के बाद से त्यूणी व चकराता में स्वीकृत कला संकाय, विज्ञान व बीकॉम संकाय में से सिर्फ कला संकाय का संचालन हो रहा है। सीमांत क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालय त्यूणी का अपना भवन बनकर तैयार हो गया। इसके हेंडओवर की प्रक्रिया चल रही है। महाविद्यालय खुलने के डेढ़ दशक बाद पहली बार इसी सत्र में वर्ष 2020-21 से विज्ञान संकाय व बीकॉम की कक्षाओं का संचालन होना है। महाविद्यालय प्रशासन ने लॉकडाउन के बाद सरकार के निर्देशन में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की।
नए सत्र में प्रवेश के लिए त्यूणी महाविद्यालय में स्वीकृत बीए की कुल 120 सीटें, बीएससी की 80 सीटें व बीकॉम की 30 सीटें निर्धारित है। इन सभी सीटों को भरने के लिए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अंजना श्रीवास्तव ने शुरुआती चरण के बाद आठ से 21 अक्टूबर व 15 नवबंर तक दो बार प्रवेश की तिथि बढ़ाई। तमाम प्रयासों के बाद बीए में निर्धारित 120 सीटों के सापेक्ष सिर्फ 77 नए एडमिशन हुए, जबकि 43 सीटें खाली पड़ी है। त्यूणी महाविद्यालय में इसी सत्र से पहली बार शुरू हो रहे बीएससी व बीकॉम में प्रवेश प्रक्रिया के तहत बीएससी में स्वीकृत 80 सीटों के सापेक्ष सिर्फ 25 सीटें भरी गई। जबकि 55 सीटें खाली रह गई। इसके अलावा बीकॉम में कोई भी एडमिशन नहीं होने से सभी 30 सीटें खाली चली गई।
प्राचार्य प्रोफेसर अंजना श्रीवास्तव ने कहा बीकॉम व बीएससी में प्रवेश के लिए दो बार डेट आगे बढ़ाई गई। बावजूद इसके बीकॉम में किसी ने एडमिशन के लिए आवेदन नहीं किया। इन सीटों को भरने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।
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