केदारनाथ धाम की पदयात्रा कर मैंद्रथ पहुंचे बाशिक महासू
केदारनाथ बाबा से मिलने के बाद बाशिक महासू शनिवार को अपने मूल स्थान पर लौट आए। इस दौरान श्रद्धालुओं में खासा उत्साह था।
संवाद सूत्र, त्यूणी: केदारनाथ धाम की 750 किमी लंबी 22 दिनों की पद यात्रा कर बासिक महासू देवता शनिवार को दो सौ से अधिक श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ अपने मूल मंदिर मेंद्रथ लौटे। बासिक महासू के मूल थान पहुंचने पर क्षेत्रीय जनता ने पुष्प वर्षा कर गाजे बाजे के साथ परंपरागत अंदाज में देवता का स्वागत किया। इससे पूर्व बासिक महासू के स्वागत को रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने देवदर्शन कर मन्नतें मांगी।
बासिक महासू देवता के लौटने पर बावर क्षेत्र में जश्न का माहौल है। केदारनाथ में शाही स्नान कर लौटे बासिक महासू के मेंद्रथ मंदिर में तीन दिन हवन यज्ञ व अनुष्ठान चलेगा, 14 मई को महाराज गर्भ गृह में विराजेंगे। जौनसार-बावर के कुल आराध्य महासू देवता के बड़े बासिक महासू देवता पहली बार बाबा केदार से मिलने बीते 22 अप्रैल को मेंद्रथ मंदिर से केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा पर निकले थे। हनोल से केदारनाथ के बीच देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग समेत चार जिलों के सीमा क्षेत्र से होकर गुजरी पदयात्रा दो मई को केदारनाथ धाम पहुंची। जहां पर बाबा केदार मंदिर समिति ने गर्भ गृह के ¨पड पर बासिक महासू का नाम दर्ज किया। केदारनाथ धाम में शाही स्नान कर बासिक महासू की देव पालकी सवा दो सौ पदयात्रियों के जत्थे सहित शनिवार को मूल मंदिर मेंद्रथ पहुंची। दोपहर करीब तीन बजे बासिक महासू की देवपालकी का स्थानीय जनता ने गाजे बाजे से परंपरागत स्वागत किया। इस दौरान कई लोगों में देवता के भाव प्रकट हुए, जिन्हें देवमाली भवान ¨सह ने चावल प्रसाद वितरण कर शांत कराया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष चमन ¨सह, वजीर दीवान ¨सह राणा, जगमोहन राणा, पुजारी दीवान ¨सह शर्मा, अभीदत्त डोभाल, राजगुरु हरीश्चंद्र, प्रेमनाथ, दुर्गा दत्त शर्मा, सूरत राम डोभाल, रमेश भंडारी, बबलू पंवार, कुमरेश, सौरव जोशी, परमानंद शर्मा, जयपाल पंवार, बबलू राणा, एनडी पंवार, राजबीर राणा, चतर ¨सह रावत, कबीरदास, रोशनलाल, कुंदन, लायक राम, त्रिलोक ¨सह, सूरत राम डोभाल, शीशपाल पंवार, टीकम ¨सह, तेजपाल ¨सह आदि मौजूद रहे।