दुर्गम की नौकरी से बचने वाले कार्मिकों के प्रमोशन पर रोक
लोक निर्माण विभाग ने अपने आदेश में दुर्गम की नौकरी से बचने वाले कार्मिकों के प्रमोशन पर रोक लगाने को कहा गया है। इसकी जद में फिलहाल 10 वरिष्ठ सहायक आए हैं।
देहरादून, जेएनएन। लोक निर्माण विभाग ने प्रमोशन को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। इस आदेश में दुर्गम की नौकरी से बचने वाले कार्मिकों के प्रमोशन पर रोक लगाने को कहा गया है। इसकी जद में फिलहाल 10 वरिष्ठ सहायक आए हैं। इनका प्रमोशन प्रधान सहायक के पद पर होना था।
लोक निर्माण विभाग में खंडीय वरिष्ठ सहायकों का प्रधान सहायक के पद पर प्रमोशन होना है। इसके लिए पात्रता पूरी करने वाले कार्मिकों की सूची मांगी गई। इस सूची में स्थानांतरण एक्ट की धारा 19 का हवाला देते हुए कहा गया कि प्रमोशन के लिए 10 साल की सेवा जरूरी हैं। इसमें भी आधी नौकरी दुर्गम और आधी सुगम में होनी चाहिए। यदि दुर्गम में मानकों के अनुरूप सेवा नहीं दी गई तो इसके लिए शपथ पत्र देना होगा कि प्रमोशन से पहले वह दुर्गम क्षेत्रों में नौकरी कर पात्रता को पूरी करेंगे। इसके लिए लोक निर्माण विभाग मुख्यालय ने 30 जनवरी तक पात्र कार्मिकों से शपथ पत्र मांगे थे। इसमें आधे लोग ही शपथ पत्र दे पाए। जबकि सात से 12 सालों से सुगम में नौकरी कर रहे 10 वरिष्ठ सहायकों ने शपथ पत्र नहीं दिया। प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित ने बताया कि पात्रता पूरी न करने वाले 10 कार्मिकों के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है। यह सूचना कार्मिकों को भी भेज दी गई है।
इनके प्रमोशन पर लगी रोक
विमल किशोर, विपिन चंद्रदानी, विपिन कुमार, सुरेश कुमार त्रिपाठी, सन्नी कुमार, मोहन सिंह जलाल, घनश्याम सत्यवली, रश्मि गुप्ता, वंदना, चंदन सिंह के प्रमोशन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। यह सभी पिछले सात से 12 साल तक से सुगम में नौकरी कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश ने एक से छह माह तक ही दुर्गम में नौकरी की है।
लोनिवि के सस्पेंड इंजीनियरों की विभागीय जांच के आदेश
रायपुर-थानो रोड पर निर्माणाधीन पुल में दरार पडऩे और घटिया गुणवत्ता के आरोप में निलंबित इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस मामले की जांच टिहरी के चीफ इंजीनियर अयाज अहमद को सौंपी गई है। जांच अधिकारी ने चारों इंजीनियरों को नोटिस जारी करते हुए लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा है। एक माह के भीतर विभागीय जांच पूरी हो जाएगी।
सात अगस्त 2018 को रायपुर-थानो मार्ग और पुल के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कई जगह दरारें मिली थीं। जिस पर मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले की जांच चीफ इंजीनियर मुख्यालय सतेंद्र शर्मा और रिटायर्ड चीफ इंजीनियर आरपी भट्ट के नेतृत्व वाली कमेटी ने की। जांच में घटिया गुणवत्ता, डिजाइन फेल होने जैसे गंभीर पहलू सामने आए। इस रिपोर्ट पर शासन ने लोनिवि एनएच देहरादून डिविजन के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र मिश्रा, सहायक अभियंता जगदीश चंद्र कांडपाल, जेई पवन कुमार और बालेंद्र कुमार को अक्टूबर में सस्पेंड कर दिया था। शासन ने चारों को विभागीय चार्जशीट दे दी थी। इस मामले में कुछ दिन पहले ही आरोपितों ने चार्जशीट का लिखित जवाब दिया था। इसके बाद शासन ने चार्जशीट के बाद अगली कार्रवाई के लिए विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। टिहरी के चीफ इंजीनियर अयाज अहमद को जांच अधिकारी बनाया गया है। एक माह के भीतर सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजने के आदेश दिए गए हैं। प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित ने बताया कि विभागीय जांच में चारों का पक्ष दोबारा पूछा जाएगा। इसके बाद ही मुकदमे की कार्रवाई होगी।
यह भी पढ़ें: उत्तरकाशी से गंगोत्री तक ऑलवेदर रोड पर अड़ंगा, जानिए पूरा मामला
यह भी पढ़ें: कैंप में पहुंचे लोगों की फजीहत, इस कारण जमा नहीं करा पाए हाउस टैक्स