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उत्तराखंड में चाइनीज पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध, जानिए वजह

उत्तराखंड में चाइनीज पटाखों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गर्इ है। इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 09:16 PM (IST)
उत्तराखंड में चाइनीज पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध, जानिए वजह
उत्तराखंड में चाइनीज पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध, जानिए वजह

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में चाइनीज पटाखों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) दीपम सेठ ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी कर दिए हैं। 

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दरअसल, साल 2016 में मानवाधिकार आयोग ने चाइनीज पटाखों और अवैध रूप से आयातित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश जारी किए थे। इस संबंध में आरटीआइ व मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने आयोग को उनके आदेश का अनुपालन कराने को पुनर्विचार याचिका दाखिल की। साथ ही आयोग के आदेश के अनुपालन के लिए पुलिस मुख्यालय से आरटीआइ के तहत 48 घंटे में सूचना देने की मांग की। 

संयोग से उसी दिन पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) ने आयातित (चाइनीज) पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी कर दिए। उन्होंने आदेश में कहा कि अवैध रूप से आयातित पटाखे बेचने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा सामान्य रूप से भी पटाखों की बिक्री के लिए विस्फोटक नियम-2008 के नियम 84 के अंतर्गत ही लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं को ही अधिकृत करने की बात कही गई।

उधर, मानवाधिकार आयोग की सदस्य डॉ. हेमलता ढौंडियाल ने भी ऐसे पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए दोबारा से मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश जारी किए हैं। 

राजस्व अधिसूचना निदेशालय ने भी लगाया प्रतिबंध 

चाइनीज पटाखों को लेकर राजस्व अधिसूचना निदेशालय, नई दिल्ली ने भी प्रतिबंध लगाया है। इस संबंध में महानिदेशक देबी प्रसाद दास ने सभी प्रदेशों को 16 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिए थे। आदेश में उन्होंने कहा है कि फॉरेन ट्रेड पॉलिसी के तहत आयातित पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित की गई है। ऐसे पटाखों को लोगों व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया गया है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड स्तर से जारी लाइसेंस पर ही आयातित पटाखों की बिक्री की जा सकती है। जबकि देश में ऐसे पटाखों की बिक्री बड़े स्तर पर अवैध रूप से की जाती है। 

बसें व ट्रेनें पैक, जगह पाने को मारामारी 

दीपावली पर घर जाने वालों की उमड़ रही भीड़ के चलते बसों और ट्रेनों में मारामारी की स्थिति हो गई है। ट्रेनों में वेटिंग चौर सौ के पार पहुंच गई है। जबकि साधारण बसों में भी ऑनलाइन टिकट फुल हो चुके हैं। ऐसे में लोगों को ट्रेन और बसों में लटककर यात्रा करनी पड़ रही है। 

दीपावली पर इस बार सरकारी कर्मचारियों को सीधे छह दिन की छुट्टी मिल रही है। ऐसे में अपने घर जाने वालों ने ट्रेनों में तीन महीने पहले रिजर्वेशन करा चुके हैं। रोडवेज की वॉल्वो एवं डीलक्स बसों में भी ऑनलाइन टिकट बुकिंग हफ्ते पहले ही फुल हो चुकी थी। इसके बाद रोडवेज ने साधारण बसों के टिकट ऑनलाइन बुक करने शुरू किए थे, ताकि यात्री को सीट तो मिल जाए मगर अब इसमें भी सीटें लगभग फुल हो चुकी हैं। यही वजह है कि मजबूरी में यात्री खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं। 

रेलवे में भी पिछले दो दिनों से बुरी स्थिति बनी हुई है। राप्ती गंगा एक्सप्रेस दून-मुजफ्फरपुर व दून-इलाहाबाद के लिए 400 तक वेटिंग पहुंच चुकी है। दून-गोरखपुर एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस में भी 250 तक वेटिंग है। देहरादून एक्सप्रेस, जन शताब्दी, नंदा देवी एक्सप्रेस (देहरादून-नई दिल्ली) में भी 270 तक वेटिंग है। दून-नैनी व दून-काठगोदाम एक्सप्रेस में भी 120 तक वेटिंग पहुंच चुकी है। स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने कहा कि रेलवे प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। आवश्यकता पडऩे पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। 

खिड़की से घुस रहे लोग 

साधारण बोगियों में जगह पाने के लिए यात्री जगह पाने के लिए आपातकालीन खिड़की से भी घुस रहे हैं। वहीं, यात्रियों के बीच जमकर कहासुनी हो रही है। 

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