BAMS फर्जी डिग्री मामले में पुलिस ने दर्ज किए बयान, भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व रजिस्ट्रार पर कसेगा शिकंजा
BAMS Fake Degree Case फरार चल रहे गिरोह के मास्टरमाइंड इमलाख के दो भाइयों को भी पुलिस जल्द गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस ने पूर्व रजिस्ट्रार के बयान दर्ज कर लिए हैं जल्द ही उन्हें जांच में आरोपित बनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में पुलिस जल्द भारतीय चिकित्सा परिषद (आइएमसी) पूर्व रजिस्ट्रार वीरेंद्र दत्त मैठाणी पर शिकंजा कसने जा रही है। पुलिस ने पूर्व रजिस्ट्रार के बयान दर्ज कर लिए हैं, जल्द ही उन्हें जांच में आरोपित बनाया जाएगा। फरार चल रहे गिरोह के मास्टरमाइंड इमलाख के दो भाइयों को भी पुलिस जल्द गिरफ्तार कर सकती है।
उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने 10 जनवरी को प्रदेश में चल रहे फर्जी डाक्टर रैकेट का पर्दाफाश किया था। उस समय दो झोलाछाप और फर्जी डिग्री का मास्टरमाइंड इमलाख के भाई इमरान को गिरफ्तार किया था। शुरुआत जांच में यह पता चला है कि इमलाख ने अपने भाई इमरान के साथ मिलकर प्रदेश के कुल 36 झोलाछापों को कर्नाटक के एक विश्वविद्यालय की डिग्रियां आठ से दस लाख में बेची हैं।
इस मामले में जब जांच आगे बढ़ी तो आंच भारतीय चिकित्सा परिषद के कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण निवासी सिद्ध विहार लोअर नेहरूग्राम, मूल निवासी ग्राम बागी पट्टी बमुंडा जनपद टिहरी गढ़वाल, कनिष्ठ सहायक अंकुर महेश्वरी निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कालोनी देहरादून, मूल पता सिकंदराराऊ जिला हाथरस यूपी और विवेक रावत निवासी 183 आफिसर्स कालोनी रेसकोर्स देहरादून, मूल निवासी ग्राम अजनर जिला महोबा यूपी को पुलिस ने चार फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि तीनों प्रति वेरिफिकेशन और एनओसी के इमलाख से लेते 60 हजार रुपये लेते थे।
पुलिस ने जब गहनता से जांच की तो पता चला कि जिस समय भारतीय चिकित्सा परिषद में यह गड़बड़ियां हुई उस समय रजिस्ट्रार वीरेंद्र दत्त मैठाणी थे। पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए बुलाती इससे पहले उन्होंने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से बचने के लिए स्टे ले लिया। स्टे खत्म होने के बाद पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया, जिसमें कई बातें सामने आई हैं।
मामले में अब तक 14 आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार
फर्जीवाड़े के इस मामले में अब तक पुलिस 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस 18 से अधिक आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। इसके अलावा मास्टरमाइंड इमलाख के दो भाई भी फरार चल रहे हैं, पुलिस दोनों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व रजिस्ट्रार पर भी कार्रवाई की जा रही है। उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं। जिस समय परिषद में यह गड़बड़ियां हुई उस समय वीरेंद्र दत्त मैठाणी रजिस्ट्रार थे। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी बनती थी कि वह घपलेबाजी पर अंकुश लगाते। लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। जल्द ही उनका नाम मुकदमे में शामिल किया जाएगा।
- सर्वेश पंवार, एसपी क्राइम