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पैकेज: जौनसार में ओलावृष्टि से खेती-बागवानी चौपट, किसान बेहाल

चकराता बुधवार को मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर के करीब 90 गांवों में ओलावृष्टि हुई। इससे पर्वतीय फलों और खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 12:06 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 12:06 AM (IST)
पैकेज: जौनसार में ओलावृष्टि से खेती-बागवानी चौपट, किसान बेहाल
पैकेज: जौनसार में ओलावृष्टि से खेती-बागवानी चौपट, किसान बेहाल

संवाद सूत्र, चकराता: बुधवार को मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर के करीब 90 गांवों में हुई ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई, जिससे सेब बगीचों में आए फल ओले गिरने से खराब हो गए। इसके अलावा खेतों में उगी नकदी फसलें भी बर्बाद हो गईं। ओलावृष्टि के चलते जनजाति क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण किसान और बागवानों को नुकसान हुआ। मौसम की मार से बेहाल किसानों ने खेती-बागवानी को बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के एवज में सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।

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मौसम का मिजाज बदलने से जौनसार-बावर के कई ग्रामीण इलाकों में पिछले पांच दिनों के भीतर दूसरी बार ओलावृष्टि हुई। सुबह से आसमान पर छाए काले बादल दोपहर बाद बरस पड़े। इस दौरान ढाई व तीन बजे के बीच में सीमांत त्यूणी तहसील से जुड़े शिलगांव-कथियान के डांगूठा, ऐठान, पुरटाड़, पटियूड़, बगूर, भूठ, भूनाड़, ओवरासेर, छजाड़-हरटाड़, फनार, बावर खत के निनुस, बागी, बास्तील-बृनाड़, कूणा, हनोल, चातरा, मैंद्रथ, डिरनाड़, लखौ खत के किस्तुड़, सारनी, नायली, देवघार खत के मेघाटू, कुल्हा, शेडिया, भाटगढ़ी, रडू-मुंधोल, बानपुर, छुमरा व चकराता तहसील से जुड़े कैलोऊ-मशक खत के डूंगरी, सैंज-कुनैन, अमराड़-जबराड़, खरोड़ा, कोटी-कनासर, हरटाड़, संताड़, त्यूना, कांडोई-भरम के गोरछा, पिगुवा, बुल्हाड़, रजाणू, कुनवा, लोखंडी-लोहारी व बोंदूर खत के कांडी-चामा-गाता समेत आसपास के करीब गांवों में भारी ओलावृष्टि हुई। इससे खेती-बागवानी पूरी तरह चौपट हो गई। क्षेत्र में आधे घंटे की ओलावृष्टि के चलते सैकड़ों ग्रामीण किसानों और बागवानों की मेहनत पर पानी फिर गया। भूठ की प्रधान अंकिता देवी, छजाड़ के स्याणा जयंद्र चौहान, किस्तुड़ के स्याणा संतराम चौहान आदि ने कहा कि इससे पहले क्षेत्र के लोगों ने कभी ऐसी ओलावृष्टि नहीं देखी। ओले का साइज 50 से सौ ग्राम के बीच बताया जा रहा है।

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पर्वतीय फलों के उत्पादन में हुई क्षति

भारी ओलावृष्टि के चलते पर्वतीय फलों में सेब, आडू, खुमानी, पुलम, नाशपाती, अखरोट व नकदी फसलों में मटर, आलू, टमाटर और अन्य फसलें तबाह हो गई। ओले के कारण खेत व बगीचों में बर्फ जैसी सफेद चादर फैल गई, जिससे खेती-बागवानी पर निर्भर सैकड़ों ग्रामीण परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या होगी। प्रभावित किसानों ने कहा कि ओलावृष्टि से बगीचों में लगे फल और खेतों में उगी फसलें पूरी नष्ट हो गई। बड़े पैमाने पर खेती-बागवानी को नुकसान होने से ग्रामीण किसानों की मुसीबत बढ़ गई। मौसम की मार से बेहाल क्षेत्र के किसान एवं बागवानों ने सरकार से नुकसान की भरपाई को मुआवजे की मांग की है।

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ब्लॉक प्रमुख ने कहा माफ हो प्रभावितों का कृषि ऋण

चकराता: विकासखंड चकराता की ब्लॉक प्रमुख निधि राणा ने कहा कि बुधवार को हुई भारी ओलावृष्टि से जौनसार-बावर के सैकड़ों किसानों और बागवानों की पूरी मेहनत बेकार चली गई। फसलें चौपट होने से किसान और बागवानों को लाखों का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई करना उनके लिए मुश्किल होगा। ऐसे में खेती-बागवानी से परिवार की आजीविका चलाने वाले सैकडों ग्रामीण किसानों के सामने भरण-पोषण की समस्या होने के साथ बैंक से लिए गए लोन को चुकाने की चिता अलग सता रही है। ब्लॉक प्रमुख ने सूबे के मुख्यमंत्री से प्रभावित किसानों व बागवानों का कृषि लोन माफ करने की मांग की।

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पहाड़ में फिर से निकले गर्म कपड़े

चकराता: मौसम में आए परिवर्तन के चलते जौनसार-बावर के ग्रामीण इलाकों में ठंड काफी बढ़ गई। निचले इलाकों में बारिश व ऊंचे इलाकों में ओलावृष्टि के चलते मौसम सर्दी जैसा हो गया। ठंड बचने को लोग वापस गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। कुछ दिन पहले तापमान बढ़ने से गर्मी का एहसास होने लगा था, लेकिन मौसम बदलने से तापमान में आई गिरावट के चलते ठिठुरन लौट आई।


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