केदारनाथ आपदा के साथ हर चुनौती के पहाड़ पर NIM ने हासिल की फतह, देश-दुनिया को दिए नामचीन पर्वतारोही
Azadi Ka Amrit Mahotsav नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने पिछले 58 वर्षों में कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं। अब निम (Nehru Institute of Mountaineering -NIM) एडवेंचर स्पोर्ट का बड़ा केंद्र बन गया है जिससे भारत की स्पोर्ट क्लाइंबिंग टीम की तैयार हो सकेगी।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी : Azadi Ka Amrit Mahotsav : भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल सहित देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने पिछले 58 वर्षों में कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं।
आपदा के दौरान रेस्क्यू कार्य हो या फिर केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य, इन सभी क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य दिखाकर निम ने अपना लोहा मनवाया है। अब निम (Nehru Institute of Mountaineering -NIM) एडवेंचर स्पोर्ट का बड़ा केंद्र बन गया है, जिससे भारत की स्पोर्ट क्लाइंबिंग टीम की तैयार हो सकेगी। इसके साथ ही निम ने रोजगार से जुड़े कोर्स भी शुरू किए हैं, जिससे युवा निम से प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार से जुड़ रहा है।
एवरेस्ट समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा लहरा चुका निम
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में 14 नवंबर 1964 को उत्तरकाशी में निम (Nehru Institute of Mountaineering -NIM) की स्थापना की गई थी। पहले प्रधानाचार्य ब्रिगेडियर ज्ञान सिंह रहे और वर्तमान में 15वें प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट हैं।
स्थापना से लेकर अब तक पर्वतारोहण के क्षेत्र में निम ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। निम एवरेस्ट और शीशा पांग्मा समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा लहरा चुका है।
संस्थान में चलने वाले एडवेंचर, बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू तथा मेथड आफ इंस्ट्रक्शन कोर्स सहित कई स्पेशल, राक क्लाइंबिंग एवं स्कीइंग कोर्स में करीब 32 हजार देशी-विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला यह भारत का इकलौता संस्थान है। निम में पर्वतारोहण से जुड़े सभी कोर्सों के लिए 2025 तक आनलाइन बुकिंग हो चुकी है। निम में 2004 में एडवेंचर स्पोर्ट एशिया कप का आयोजन भी किया गया था।
केदारनाथ पुनर्निर्माण की उपलब्धि
वर्ष 2013 की आपदा के दौरान राहत-बचाव कार्य में निम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपदा में गंगा घाटी से लेकर केदार घाटी तक निम की टीम रेस्क्यू में जुटी रही। साथ ही केदारनाथ में पुनर्निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को भी तत्कालीन प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में निम ने बखूबी से अंजाम दिया।
निम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमुख पर्वतारोही
एवरेस्टर बछेंद्री पाल (Bachendri Pal), चंद्रप्रभा ऐतवाल, संतोष यादव, डा. हर्षवंती बिष्ट, अर्जुन वाजपेई, कृष्णा पाटिल, सुमन कुटियाल, सरला नेगी, अरुणिमा सिन्हा, जुड़वां बहनें ताशी एवं नुंग्शी, पूनम राणा, सविता कंसवाल आदि।
एडवेंचर का हब बना निम (NIM)
निम (NIM) में देश का पहला इंडोर स्पोर्ट क्लाइंबिंग सेंटर तैयार हो गया है। यह सेंटर अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग (International Sport Climbing) के मानकों पर तैयार किया गया है।
सेंटर में जून माह में नार्थ जोन की स्पोर्ट क्लाइंबिंग प्रतियोगिता हो चुकी है, जबकि 12 से 14 अगस्त तक राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग चैंपियनशिन (National Sport Climbing Championship)की तैयारी चल रही है।
इसके बाद स्पोर्ट क्लाइंबिंग के अलग-अलग इवेंट की राष्ट्रीय टीम का चयन भी होगा, जो एशियन गेम्स (Asian Games) और ओलिंपिक (Olympic) में प्रतिभाग करेंगी। साथ ही निम के स्पोर्ट क्लाइंबिंग सेंटर में अभ्यास भी करेंगी।
आधुनिक संग्रहालय बनकर हुआ तैयार
निम उत्तरकाशी (NIM Uttarkashi)में पौराणिक धरोहर और पौराणिक संस्कृति का अत्याधुनिक संग्रहालय तैयार हो चुका है। यह देश में सबसे अलग और खास संग्रहालय है। भवन में एक-एक पत्थर को तराशा और देवदार की लकड़ी पर शानदार नक्काशी कर लगाया गया है।
इसे हिमालय संग्रहालय का नाम दिया गया है। भवन के बाहरी हिस्से में पहाड़ी लोक कथाओं को उकेरा गया है। जबकि, भीतरी हिस्से में इसके विपरीत अत्याधुनिक 3डी, 4डी पेंटिंग, होलोग्राफिक, लेजर किरणों, कंप्यूटरीकृत, आडियो वीडियो तकनीक शामिल की गई है।
आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर निम में राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग स्पर्धा आयोजित हो रही है। निम के लिए यह गौरव की बात है कि निम को मेजबानी मिली है। पहली महिला एवरेस्टर, पहला युवा एवरेस्टर, पहली युवा महिला एवरेस्टर सहित कई प्रतिभाएं निम से ही पासआउट हैं। अनाम चोटियों का आरोहण, रोजगारपरक नए कोर्स शामिल कराने सहित सैकड़ों उपलब्धियां निम के नाम दर्ज हैं।
- कर्नल अमित बिष्ट, प्रधानाचार्य, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान