Coronavirus: उत्तराखंड के कंट्रोल रूम में रोजाना औसतन 5000 कॉल, त्वरित हो रहा समाधान
उत्तराखंड के कंट्रोल रूम से प्रदेशभर में चल रहे राहत कार्य का समन्वय हो रहा है। रोजाना औसतन पांच हजार फोन कॉल आ रही हैं और समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण कराया जा रहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर की गई व्यवस्थाओं की सरकार ने मॉनीटरिंग तेज कर दी है। इसी कड़ी में देहरादून के पुलिस लाइन में बनाए गए कंट्रोल रूम का सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने निरीक्षण कर व्यवस्था को परखा।
इस मौके पर जानकारी दी गई कि कंट्रोल रूम से प्रदेशभर में चल रहे राहत कार्य का समन्वय हो रहा है। रोजाना औसतन पांच हजार फोन कॉल आ रही हैं और समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण कराया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री ने पुलिस की पीठ थपथपाई। साथ ही निर्देश दिए कि मजदूरों, जरूरतमंदों के साथ ही राज्य में फंसे लोगों के रहने व भोजन की व्यवस्था को थानावार कदम उठाए जाएं।
कैबिनेट मंत्री कौशिक पुलिस लाइन पहुंचे और फिर एसएसपी अरुण मोहन जोशी के साथ पुलिस लाइन सभागार में बने कंट्रोल रूम के हर सेक्शन का का निरीक्षण कर जानकारी ली। कंट्रोल रूम में तीन तरह की व्यवस्थाएं हैं। एक कक्ष में कंट्रोल रूम के फोन नंबर को 30 लाइनों से जोड़ा गया है। 24 घंटे फोन रिसीव करने के लिए रोजाना 90 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनसे प्राप्त अधिकांश शिकायतों का निस्तारण इसी डेस्क से हो जाता है।
इसके बाद जो समस्याएं रह जाती हैं, उसे आठ अन्य पुलिसकर्मियों की टीम को भेजा जाता है, जो उच्च स्तर पर समस्याओं-शिकायतों के निस्तारण को भेजती है। तीसरी टीम के पास रोजाना की गतिविधियों को कंपाइल करने के साथ ही डाटा बेस तैयार करने का जिम्मा है।
इसके साथ ही एक डेस्क देहरादून जिले की व्यवस्थाओं के लिए बनाई गई है। जानकारी दी गई कि प्रदेशभर में खाद्यान्न समेत अन्य जरूरतें पूरी करने के लिए इसी कंट्रोल रूम से समन्वय के साथ कार्य हो रहा है।
कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि कंट्रोल रूम को प्रदेश के सभी थानों से जोड़ा गया है। प्रयास ये किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था को भोजन अथवा राहत सामग्री वितरित करनी है तो उसे थाना के माध्यम से ही कराया जाए। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने कोरोना वायरस से बचाव, राहत कार्य और आपातकालीन परिस्थितियों से निबटने के मद्देनजर सुझाव भी दिए।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य के किसी भी अस्पताल में दवा आदि की कोई कमी न रहने पाए। उन्होंने कहा कि एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट को कड़ाई से रोकना जरूरी है। प्रदेश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लॉकडाउन को लागू करना है। इससे कुछ कष्ट हो सकता है, परंतु कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण के लिये यह आवश्यक है।
डीएम ऊधमसिंहनगर से ली जानकारी
देहरादून के साथ ही ऊधमसिंहनगर जिले के प्रभारी मंत्री कौशिक ने कंट्रोल रूम से ही ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी से फोन पर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बाद में उन्होंने मुख्य सचिव उत्पल कुमार को फोन कर कंट्रोल रूम की बेहतर व्यवस्थाओं की तारीफ की।
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शारीरिक दूरी का अनुपालन
निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री कौशिक ने मॉस्क, हाथों में दस्तानों का प्रयोग करने के साथ ही शारीरिक दूरी का भी पूरा अनुपालन किया। कंट्रोल रूम में भी शारीरिक दूरी के हिसाब से ही कार्मिकों की टेबल लगाई गई हैं।