एकादशी देवोत्थान के साथ शुभ कार्य शुरू, जानिए कब हैं शादी के शुभ मुहूर्त
एकादशी देवोत्थान के साथ शुभ कार्यों का भी शुभारंभ हो गया है। हालांकि अभी शादी के शुुभ लग्न के लिए थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ेगा।
देहरादून, [जेएनएन]: देवोत्थन एकादशी के साथ चार महीने से बंद मंगल कार्य शुरू हो गए हैं। आज के दिन मंदिरों में तुलसी विवाह के साथ पूजा-अर्चना भी की जाती है। साथ ही गढ़वाल क्षेत्र में इस दिन इगास पर्व भी मनाया जाता है और लोग भैलो नृत्य करते हैं।
असाढ़ शुक्ल की एकादशी या देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में चले जाते हैं और सूर्य दक्षिणायण हो जाता है। इस दौरान शादी, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। देवशयनी एकादशी चार जुलाई को थी। जिसके बाद देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु जागते हैं और पाताल लोक से बाहर आकर सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इसके साथ ही तमाम शुभ कार्यों का शुभारंभ भी हो जाता है।
आचार्य संतोष खंडूड़ी बताते हैं कि एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ व्रत और दाना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। देव गुरु वृहस्पति के अस्त (पश्चिमास्त) होने से यह स्थिति बन रही है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि देवोत्थान एकादशी पर भगवान का शयनकाल खत्म होता है। इस दिन भगवान विष्णु का तुलसी पौधे से विवाह होता है और इसी के साथ मांगलिक कार्यो की भी शुरुआत हो जाती है। डॉ. जोशी के अनुसार इस बार देव जागने के 18 दिन बाद तक वैवाहिक और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है।
सात नवंबर को उदय होंगे वृहस्पति
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 13 अक्टूबर से देवगुरु वृहस्पति पश्चिमास्त हैं, जो कि देवउठनी एकादशी के सात दिन बाद यानी सात नवंबर को उदित होंगे और अगले तीन दिन बाल अवस्था में रहने के बाद दस नवंबर को बालत्व निवृत्ति होगी। 16 नवंबर को सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इन समस्त दोषों की निवृत्ति के पश्चात 19 नवंबर से शादियों की शुरुआत होगी। हालांकि मुख्य लग्न 23 नवंबर से शुरू होंगे।
12 दिसंबर से 3 फरवरी तक शुक्रास्त
पंडितों के अनुसार नवंबर में 23, 24 और 28 से 30 नवंबर को कही विवाह के विशिष्ट मुहूर्त हैं। 2, 4 दिसंबर को विवाह मुहूर्त बन रहे हैं। 14 दिसंबर से 3 फरवरी तक शुक्रास्त रहेगा। शुक्रास्त के तीन दिन आगे-पीछे तक विवाह निषेध रहते हैं। इसी बीच 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास भी रहेगा।
वसंत पंचमी को मिलेगा अवसर
ज्योतिषाचार्य डॉ. गोपाल दत्त त्रिपाठी के मुताबिक 22 जनवरी को वसंत पंचमी पर देव लग्न होने के कारण विवाह आयोजन कर पाएंगे। लेकिन लग्न शुद्धि के शुभ मुहूर्त फरवरी में ही मिलेंगे। फरवरी में सात, आठ, 11 और 12 फरवरी को शादियों के मुहूर्त हैं।
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