अटल आयुष्मान में बायोमेट्रिक न होने पर ओटीपी का भी विकल्प
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थी के अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज होते समय बायोमेट्रिक पर सत्यापन अगले माह से अनिवार्य हो जाएगा। साथ ही ओटीपी का विकल्प भी होगा।
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थी के अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज होते समय बायोमेट्रिक पर सत्यापन अगले माह से अनिवार्य हो जाएगा। पर बच्चों व बुजुर्गों के साथ ही कई लोग ऐसे हैं, जिनके अंगूठे के निशान (बायोमेट्रिक) नहीं आ रहे हैं। ऐसे कई कार्ड नॉन आधार कैटेगरी में भी बनाए गए हैं। ऐसे मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए भी एक विकल्प दिया गया है। ऐसे मरीज के अस्पताल में भर्ती होते वक्त उनके स्वजन को अपना मोबाइल नंबर देना होगा। सॉफ्टवेयर में इस नंबर की एंट्री करने पर उनके पास एक ओटीपी आएगा। इस ओटीपी के माध्यम से ही अप्रूवल मिलेगा। यही नहीं, किसी तरह की गड़बड़ी पर इस नंबर से ही मरीज को ट्रेस करना भी आसान होगा।
बता दें, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को शुरू हुए एक साल से ज्यादा का वक्त बीच चुका है। योजना में अस्पतालों के फर्जीवाड़े के मामले भी सामने आ चुके हैं। देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में एक ही अस्पताल में मरीज को रखकर रेफर दिखाना, एक मरीज के दो-दो पैकेज दिखाने, एक अस्पताल में भर्ती मरीज को दो अस्पतालों में दिखाने जैसे फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। कई अस्पतालों पर मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं।
फर्जीवाड़े रोकने के लिए अब बायोमेट्रिक अनिवार्य किया जा रहा है। पर समस्या यह है कि बच्चों एवं बुजुर्गों के साथ ही कई लोगों के अंगूठे के निशान नहीं आ रहे हैं। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन में दिक्कत होने पर इनके कार्ड भी नॉन आधार कैटेगरी में बनाए गए हैं। आरोग्य मित्र ने इनका केस सत्यापित किया है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती व डिस्चार्ज होते भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के डिप्टी एमएस व योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एनएस खत्री के अनुसार, योजना में 15 मार्च से बायोमेट्रिक अनिवार्य किया जा रहा है। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा। मरीज यदि कार्ड लाना भूल गए तो अंगूठा लगाने पर तमाम डिटेल मिल जाने से उन्हें योजना का लाभ मिल जाएगा। जिनके बायोमेट्रिक में दिक्कत आएगी, उनके लिए ओटीपी का विकल्प रखा गया है।
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