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20 साल बाद सरकारी विवि का अंब्रेला एक्ट लागू करने की दिशा में उत्‍तराखंड सरकार ने बढ़ाया अहम कदम

प्रदेश में 20 साल बाद सरकारी विश्वविद्यालयों का एक अंब्रेला एक्ट लागू करने की दिशा में सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है। अब राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के लिए अपर मुख्य सचिव रैंक के वरिष्ठ आइएएस उद्योग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी और वरिष्ठ वैज्ञानिक भी पात्र होंगे।

By Edited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 02:05 PM (IST)
20 साल बाद सरकारी विवि का अंब्रेला एक्ट लागू करने की दिशा में उत्‍तराखंड सरकार ने बढ़ाया अहम कदम
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में 20 साल बाद सरकारी विश्वविद्यालयों का एक अंब्रेला एक्ट लागू करने की दिशा में सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है। इस संबंध में विधानसभा में बुधवार को उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पारित हो गया। अब राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के लिए अपर मुख्य सचिव रैंक के वरिष्ठ आइएएस, उद्योग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी और वरिष्ठ वैज्ञानिक भी पात्र होंगे। उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक में सरकार ने यह प्रविधान किया है।

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कुलपति पद अब शिक्षाविदों के लिए सीमित नहीं रहेगा। इस पद के लिए वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रशासक भी दावेदार होंगे। इसके साथ शर्त ये है कि उक्त पदों की समकक्षता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पद के समान होनी चाहिए। प्रशासन, उद्योग या अनुसंधान संस्थान में प्रोफेसर पद के समकक्ष यानी राज्य सरकार में अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, केंद्र सरकार में सचिव या सचिव से उच्च स्तर, ग्रेड-जी या उच्च पद के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद पर न्यूनतम दस वर्ष की सेवा का अनुभव होना चाहिए। प्रस्तावित विधेयक में कुलपति पद के लिए उक्त पात्रता राज्य विश्वविद्यालयों की अलग-अलग प्रकृति को देखते हुए की गई है। कुलसचिव पद के लिए समान योग्यता राज्य विश्वविद्यालयों में अब कुलसचिव को लेकर विवाद नहीं होगा। इस पद के लिए सभी विश्वविद्यालयों में समान योग्यता लागू होगी। ऐसा होने पर तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद के लिए बीटेक डिग्री की पात्रता की शर्त भी समाप्त हो जाएगी। कुलसचिव की नियुक्ति 50 फीसद सीधी भर्ती और 50 फीसद पदोन्नति से होगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने इस विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि वर्ष 1973 के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब विश्वविद्यालयों के लिए अलग से एकीकृत एक्ट लागू हो सकेगा। अभी विश्वविद्यालयों के संचालन में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था करने में एकरूपता नहीं आ रही थी। कुलपति की अधिवर्षता आयु बढ़ाई हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने को विश्वविद्यालय अधिनियम 2014 में संशोधन को विधेयक पारित हो गया है। 

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वीर माधो सिंह भंडारी के नाम पर तकनीकी विवि

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरादून का नाम बदलकर वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, देहरादून होगा। इसके लिए उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2005 में संशोधन विधेयक को विधानसभा ने पारित किया। जीएसटी विधेयक में दंड का प्रविधान उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक पर विधानसभा की मुहर लग गई। कोविड-19 के मद्देनजर केंद्र सरकार ने जीएसटी सेवाओं में संशोधन के लिए नियमों में संशोधन किए हैं। इन नियमों को राज्य सरकार ने भी लागू करने पर सहमति जताते हुए विधेयक को मंजूरी दी। जीएसटी विधि में व्यापार सुविधा, सरलीकरण व प्रवर्तन उपायों से संबंधित संशोधन किए गए हैं। अब बिना बीजक के इनपुट टैक्स क्रेडिट के उपभोग को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। साथ ही इससे संबंधित दिक्कतों के निवारण को निर्गत किए जाने वाले आदेश की अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष की गई है।

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