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Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर छोड़े शब्द बाण

उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन संशोधन विधेयक पर विधानसभा में चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच एकदूसरे पर जमकर जुबानी हमले हुए।

By Edited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 12:10 PM (IST)
Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर छोड़े शब्द बाण
Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session: पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर छोड़े शब्द बाण

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन संशोधन विधेयक पर विधानसभा में चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच एकदूसरे पर जमकर जुबानी हमले हुए। सधे अंदाज में तीखे हमले की जो पहल कांग्रेस ने की, चर्चा के आखिरी दौर तक उस पर भाजपा अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रही। 

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सरकार पर हमले की कमान केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने संभाली तो बदरीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट विधेयक में संशोधन का श्रेय ले गए। कांग्रेस ने सदन में इस बहुचर्चित चार धाम देवस्थानम विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने के लिए पूरा जोर लगाया। 

विपक्षी विधायकों ने चार धामों के हकहकूकधारियों में आक्रोश और आस्था से गहरे जुड़े इन धामों में किसी तरह के हस्तक्षेप को लेकर सत्तापक्ष खासतौर पर चार धाम क्षेत्रों से जुड़े भाजपा विधायकों को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी कहा कि धार्मिक स्थलों को झगड़ों का केंद्र बनाने से सरकार को बचना चाहिए। 

केदारनाथ विधायक मनोज रावत के निशाने पर आज भी बदरीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट के साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी रहे। उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में उक्त विधेयक को रखा ही नहीं गया तो इसे किस बड़े नेता के दबाव में लाया जा रहा है।

विधेयक में श्री बदरीनाथ समेत कई शब्दों में त्रुटियां हैं। धामों के धार्मिक महात्म्य का उल्लेख कर उनकी व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप को लेकर भाजपा पर हमलावर मनोज रावत माता वैष्णो देवी मंदिर पर अपनी टिप्पणी को लेकर सत्तापक्ष के निशाने पर आ गए। इस टिप्पणी के चलते मनोज रावत कुछ देर के लिए खुद ही असहज स्थिति में फंस गए। 

सत्तापक्ष की ओर से वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कांग्रेस के साथ ही विधायक मनोज रावत के हमलों पर पलटवार किया। विधायक विनोद चमोली ने कहा कि विधेयक को लेकर कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रही है। बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत और यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने विधेयक का समर्थन करने के साथ ही संशोधन के सुझाव भी दिए। 

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चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक गैर मौजूद 

उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन संशोधन विधेयक के विरोध में विचार रखने के मौके पर कांग्रेस के विधायक सदन से गैर मौजूद रहे। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, हरीश धामी का नाम जब चर्चा में भाग लेने को पीठ की ओर से नाम पुकारा गया तो वे सदन में मौजूद नहीं थे।

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