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तीर्थ पुरोहितों का विधानसभा कूच, पुलिस से धक्का-मुक्की

चारधाम श्राइन बोर्ड गठन के विरोध में प्रदेशभर के तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी फिर सड़कों पर उतरे। विधेयक को विधानसभा में पारित न करने की मांग पर अड़े तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को विधानसभा कूच किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:14 AM (IST)
तीर्थ पुरोहितों का विधानसभा कूच, पुलिस से धक्का-मुक्की
तीर्थ पुरोहितों का विधानसभा कूच, पुलिस से धक्का-मुक्की

जागरण संवाददाता, देहरादून: चारधाम श्राइन बोर्ड गठन के विरोध में प्रदेशभर के तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी फिर सड़कों पर उतरे। विधेयक को विधानसभा में पारित न करने की मांग पर अड़े तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को विधानसभा कूच किया। रिस्पना के रोके जाने पर पुलिस के साथ उनकी जमकर धक्का-मुक्की हुई। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठ कर पूरा दिन धरना दिया। शाम को तीर्थ पुरोहितों ने गिरफ्तारी दी और पुलिस उन्हें गाड़ी में भरकर सुद्धोवाला जेल ले गई। इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत कुछ अन्य कांग्रेस विधायकों ने धरना स्थल पर तीर्थ पुरोहितों का समर्थन किया और सरकार पर निशाना साधा।

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सोमवार को सुबह करीब 11 बजे बड़ी संख्या में प्रदेशभर से आए तीर्थ पुरोहित हरिद्वार रोड स्थित एलआइसी बिल्डिंग के पास एकत्रित हुए। जहां से देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के बैनर तले उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा का रुख किया। रिस्पना पुल से पहले लगाई गई बेरिकेडिंग पर पुलिस ने तीर्थ पुरोहितों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह विधानसभा जाने पर अड़ गए और धक्का-मुक्की करने लगे। पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को पीछे किया। इसके बाद तीर्थ पुरोहित वहीं सड़क पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते तीर्थ पुरोहितों की सहमति के बगैर श्राइन बोर्ड विधेयक विधानसभा में रखा गया है, यह बिल पास हुआ तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने रुख पर कायम रही तो आगामी यात्राकाल में तीर्थ पुरोहित व हकहकूक धारी सदियों से चली आ रही परंपराएं तोड़ देंगे और हर प्रकार के प्रतिष्ठानों को भी बंद कराएंगे। इस दौरान पैनखंडा तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी महापंचायत, केंद्रीय डिमरी महापंचायत, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा, यमुनोत्री पुरोहित महासभा, केदारनाथ तीर्थ पुरोहित महासभा के अलावा देवप्रयाग पंडा समाज, चंद्रबदनी मंदिर समिति, मेड़ता भंडारी कमदी थोक, पांडु़केश्वर के तीर्थ पुरोहित व हकहकूक धारी विधानसभा कूच में शामिल हुए।

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कांग्रेस की सरकार आने पर निरस्त होंगे काले कानून के विधेयक

सड़क पर धरना दे रहे तीर्थ पुरोहितों का समर्थन करने कांग्रेस के विधायक भी पहुंचे। शाम करीब पौने पांच बजे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष एवं हल्द्वानी विधायक इंदिरा हृदयेश, जसपुर विधायक अवधेश चौहान, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, केदारनाथ विधायक मनोज रावत तीर्थ पुरोहितों के बीच पहुंचे और उन्हें संबोधित किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस तीर्थ पुरोहितों की मांग का पुरजोर समर्थन करती है। इसके लिए वे सड़क से सदन तक संघर्ष कर रहे हैं। कहा कि यदि यह विधेयक विधानसभा में पास हो जाता है तो 2022 में कांग्रेस की सरकार बनने पर इसे निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से आगामी चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की।

यह धर्म युद्ध है, कांग्रेस साथ खड़ी: इंदिरा

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि चारधाम की परंपराओं से छेड़छाड़ कर प्रदेश सरकार तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचा रही है। कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हक की लड़ाई में कांग्रेस पूरी तरह साथ है। इसके अलावा विधायक मनोज रावत, ममता राकेश और सूर्यकांत धस्माना ने भी श्राइन बोर्ड विधेयक का विरोध करते हुए तीर्थ पुरोहितों को पूर्ण समर्थन का एलान किया।

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केदारनाथ विधायक ने दी गिरफ्तारी

देर शाम तक तीर्थ पुरोहित सड़क पर धरने पर बैठे रहे, पुलिस ने उनसे उठने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने। केदारनाथ विधायक मनोज रावत की अगुआई में तीर्थ पुरोहितों ने पुलिस को गिरफ्तारी दी। हालांकि थोड़ी देर पुलिस वैन रहने के बाद पुलिस की आग्रह पर विधायक उतर गए। जबकि अन्य तीर्थ पुरोहितों को सुद्धोवाला जेल ले जाया गया, जहां से उन्हें रिहा कर दिया गया।


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