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आशा कार्यकर्ताओं ने 31 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन करने का लिया निर्णय

इनसेंटिव का भुगतान ना होने से नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने 31 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 05:49 PM (IST)
आशा कार्यकर्ताओं ने 31 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन करने का लिया निर्णय
आशा कार्यकर्ताओं ने 31 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन करने का लिया निर्णय

ऋषिकेश, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के इनसेटिंव को दुगना किए जाने के ऐलान के बावजूद भी अभी तक उसका भुगतान ना होने से नाराज देश भर के लगभग 10 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ताओं में केंद्र सरकार के विरुद्ध नाराजगी उत्पन्न हो रही है। जिसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने 31 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी उत्तराखंड प्रदेश के अखिल भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री सुरेंद्र कुमार पांडे ने दी।

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रेलवे रोड पर स्थित अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संगठन उत्तराखंड, भोजन माता कर्मचारी संघ उत्तराखंड, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ तथा आशा फैसिलिटेटर एवं कार्यकर्ता संगठन उत्तराखंड की कार्यकर्ताओं की सयुक्त बैठक हुई। इस दौरान सुरेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि देश भर में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन संचालित योजना  में लगभग 10लाख 22 हजार 265 आशा कार्यकर्ता कार्यरत है। आशा कर्मचारियों के द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी देने, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने आवश्यक सेवाओं के प्रयोग के लिए परामर्श एवं व्यवस्था देने, साथ स्वास्थ्य सेवा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने और लोगों को साफ सफाई एवं स्वच्छता के महत्व को स्वच्छ पेयजल, शौचालय आदि में मदद करने जैसे कार्य सामान्य रूप से उनके द्वारा किए जाते हैं। कार्यों को करने के एवज में सरकार के द्वारा आशा कार्यकत्रियों को वेतन नहीं दिया जाता है, बल्कि कार्य के लिए संचालित योजनाओं के अनुसार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद उनके इनसेंटिव  को दुगना किए जाने की घोषणा की थी। 

इसके अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को 2000 रुपये बढ़ाकर दिया जाना था, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ी राशि को नहीं दिया गया। इस कारण वह अपने आप को ठगा महसूस कर रही हैं। सुरेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि जब से आशा कार्यकर्ता देशभर में कार्य कर रही हैं तब से जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर में लगातार कमी आई है।

उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार की भांति आशा कार्यकर्ताओं को भी वही मानदेय दिया जाए, जिसके अनुसार भोजन माता कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान किया जाए। बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजीव विश्नोई ,महामंत्री रेणु नेगी, उपाध्यक्ष कंचन बंसल, सह संगठन मंत्री सरस्वती रावत, प्रदेश मंत्री मंजू बलूनी प्रदेश मंत्री ममतेश व अनीता पंवार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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