देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस ने विधानसभा में जंगलों में अतिक्रमण को हटाने के नाम पर वन खत्तों में निवास कर रहे लोगों को परेशान करने का मुद्दा उठाया। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार वन खत्तों में निवासरत लोगों को बेदखल नहीं करेगी। विधायक मनोज रावत ने नियम-58 के तहत वन खत्तों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में वन खत्तों में रहने वाले लोगों को जंगल में अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है। मद्महेश्वर घाटी में भ्यूंडार और गोंडार में वन विभाग की ओर से लोगों को नोटिस दिए गए हैं। बंदोबस्ती के नक्शे नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं। हालत ये है कि वन क्षेत्रों में राजस्व गांवों की जानकारी भी वन विभाग और जिला प्रशासन के पास नहीं है।
डीम्ड फॉरेस्ट को लेकर सरकार का आदेश लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। जवाब में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह गंभीर विषय है। सरकार को हाईकोर्ट के आदेश के तहत कई कदम उठाने पड़ रहे हैं। जन हित को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सरकार पैरवी कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बेदखल करने या उत्पीड़न करने की मंशा सरकार की नहीं है। भ्यूंडार के लोगों ने मंगलवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की है। 140 मामलों में भूमिधरी अधिकार दिए गए हैं।
उन्होंने सभी विधायकों से विधानसभा क्षेत्र 2006 के अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट के तहत सहयोग मांगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी इसका समर्थन किया। हालांकि, पीठ ने इसे स्वीकार नहीं किया।
सांपों के बहाने हरक ने की सियासी टिप्पणी
वन खत्तों पर चर्चा के दौरान वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की कांग्रेस विधायकों की काफी देर तक मीठी नोकझोंक भी होती रही। जवाब देते समय वन मंत्री ने देहरादून में स्थापित किए गए जू का जिक्र किया, तो विधायक करन माहरा ने वहां रखे गए सांपों को लेकर चुटकी ली तो वन मंत्री ने माहरा और सांपों के बहाने इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी निशाने पर लिया। हरीश धामी के मंत्री हरक सिंह रावत के मुख्यमंत्री नहीं बनने पर चुटकी लेने पर पलटवार में उन्होंने कहा कि वह जिसके साथ रहते हैं, सरकार बनती है। वन मंत्री कई दफा अपनी रौ में बहकर ऐसी टिप्पणी भी कर बैठे, जिस पर सत्तापक्ष के विधायकों को हंसने के साथ आश्चर्य में भी डाल दिया।