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सुनिए वित्तमंत्री जी, उत्तराखंड के कलाकारों को हैं बजट से काफी उम्मीदें

केंद्र सरकार के पेश होने वाले बजट से लोक कलाकारों को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्हें अपेक्षा है कि इस बार के बजट में लोक कलाकारों को भी सम्मान मिलेगा। लोक कलाकारों का कहना है कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 02:45 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 02:45 PM (IST)
सुनिए वित्तमंत्री जी, उत्तराखंड के कलाकारों को हैं बजट से काफी उम्मीदें
सुनिए वित्तमंत्री जी, उत्तराखंड के कलाकारों को हैं बजट से काफी उम्मीदें।

जागरण संवाददाता, देहरादून। केंद्र सरकार के पेश होने वाले बजट से लोक कलाकारों को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्हें अपेक्षा है कि इस बार के बजट में लोक कलाकारों को भी सम्मान मिलेगा। लोक कलाकारों का कहना है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए लोक कलाकारों के लिए ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिल सके। साथ ही सरकार लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी विशेष प्रयास करें। उनका कहना है कि लोक कलाकारों के नाम पर भवन, सड़क व योजनाओं के नाम रखे जाएं। वहीं, स्कूली बच्चों को संगीत से जोड़ने की पहल की जाए, जिससे लोक संस्कृति को बढ़ावा मिल सके।

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लोक गायिका संगीता ढौंढ़ियाल ने बताया कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक कलाकार बेहतर प्रयास कर रहे हैं। सरकार और विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से होने वाले कार्यक्रम ही लोक कलाकारों की आर्थिकी का एकमात्र जरिया हैं। अब कार्यक्रम ही नहीं हो रहे हैं तो उनकी आर्थिकी भी ठप है। जब तक कार्यक्रम होना शुरू नहीं होते तब तक उन्हें मासिक आय या पेंशन दी जाए। इसके अलावा भविष्य के लिए भी कलाकारों के लिए आपातकालीन निधि बनाई जाए।

लोक गायक सौरव मैठाणी का कहना है कि संस्कृति को जनता के बीच पहुंचाने और जोड़ने के लिए कलाकार का अहम रोल रहता है। लॉकडाउन के बाद से कलाकारों को काम न मिलने से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सितंबर से लेकर मार्च तक सांस्कृतिक कार्यक्रम अधिक होते हैं, लेकिन वर्तमान में कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। कलाकार इस बजट में उम्मीद जता रहे हैं कि उनके लिए कोई नीति बने जिससे इस तरह की समस्या से निपटा जा सके।

व हीं, लोक गायिका हेमा नेगी करासी ने कहा, सरकार को इस तरह व्यवस्था बनानी चाहिए, जिसमें प्रत्येक कलाकार को मंच मिले और आमदनी हो जाए, क्योंकि इंटरनेट मीडिया के इस दौर में कलाकारों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन काम कम मिलने या न मिलने से वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में उत्तराखंड के कलाकारों को प्राथमिकता दी जाए।

लोक गायिका अनीशा रांगड़ कहती हैं कि युवा लोक कलाकारों को बड़ों का प्रोत्साहन मिलता है, लेकिन विभिन्न कार्यक्रम में उन्हें सरकार की ओर से भी मौका दिया जाना चाहिए। इसके अलावा लंबे समय तक संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाले कलाकारों को भी समय-समय पर सम्मानित किया जाना चाहिए। जिले, राज्यस्तरीय कार्यक्रमों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को विदेशों में भी उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने का मौका दिया जाए।

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