उत्तराखंडः 35 नगर निकायों का बढ़ाया आकार, सात फीसद बढ़ेगी शहरी आबादी
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत के मंत्रीमंडल की बैठक में उत्तराखंड के तीन नगर निगमों समेत 35 नगर निकायों की सीमा में इजाफा करने पर मुहर लगा दी गई। साथ ही कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड के तीन नगर निगमों समेत 35 नगर निकायों की सीमा में इजाफा होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल ने इस अहम फैसले पर मुहर लगा दी। इससे प्रदेश में शहरी आबादी सात फीसद बढ़ जाएगी।
वहीं 2022 तक गरीब व कमजोर वर्गों को एक लाख आवास मुहैया कराने के लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड आवास नीति को मंजूरी दी गई है। निजी क्षेत्र की मदद से बनने वाले आवासों को राज्य सरकार प्रति आवास छह लाख रुपये की दर से खरीदेगी, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रति परिवार साढ़े तीन लाख रुपये पर आवास मुहैया कराया जाएगा।
राज्य खाद्य योजना के 11 लाख परिवारों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर चक्कर काटने से निजात रहेगी। आगामी एक नवंबर से इन परिवारों के बैंक खाते में खाद्यान्न सब्सिडी पहुंचेगी।
इसीतरह अंत्योदय परिवारों को भी चीनी की सब्सिडी उनके खाते में मुहैया कराई जाएगी। उक्त फैसले के साथ ही मंत्रिमंडल ने ऊर्जा के तीन निगमों को सातवां वेतनमान देने पर मुहर लगा दी।
सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में आम जनता, कर्मचारियों और किसानों के हित में अहम फैसले लिए गए। फैसलों को ब्रीफ करते हुए सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य के तीन नगर निगमों, 22 नगर पालिकाओं और 10 नगर पंचायतों की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
भविष्य में अन्य निकायों की सीमा में भी इजाफा किया जाएगा। अगले नगर निकाय चुनाव में नए विस्तारित क्षेत्र भी शामिल होंगे। निकायों के विस्तारित क्षेत्रों में जन सुविधाओं के लिए केंद्रीय योजनाओं का अधिक फायदा मिलेगा।
साथ ही नए बनने वाले वार्डों को विकास के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आवास नीति के तहत अगले पांच सालों में गरीबों को एक लाख आवास मुहैया कराने की कार्ययोजना को मंजूरी मिल गई है। इस कार्ययोजना को निजी भागीदारी से पूरा किया जाएगा।
योजना में भागीदार निजी क्षेत्र को सरकार की ओर से रियायतें दी जाएंगी। राज्यभर में आवासहीन कमजोर वर्गों का चिह्नीकरण सर्वे नगर निकायों के जरिए कराया गया था। इस सर्वे के आधार पर ही निकायवार कमजोर वर्गों के लिए आवासों का निर्माण किया जाएगा।
इस योजना में भागीदार होने निजी क्षेत्र को बतौर प्रोत्साहन कई रियायतें दी जाएंगी। नई नीति में किफायती आवास के लिए पांच मॉडल तय किए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और पारेषण निगम के कार्मिकों को सातवां वेतनमान देने का फैसला किया। काबीना मंत्री ने कहा कि अन्य निगमों पर आगामी कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने राज्य के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को एक लाख ऋण मात्र दो फीसद ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को दीनदयाल सहकारिता सहभागिता योजना का नाम दिया गया है।
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