उत्तराखंड के सेब की ब्रांडिंग पर सरकार का फोकस, उठाए जाएंगे ये कदम
राज्य सरकार का फोकस उत्तराखंड के सेब की ब्राडिंग पर है। जिससे उत्तराखंड का सेब सभी जगह अपने नाम से ही जाना जाए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। हाल में हुई बर्फबारी को सेब की फसल के लिए भले ही मुफीद माना जा रहा हो, लेकिन ये सच्चाई है कि उत्तराखंड का सेब अभी भी पड़ोसी हिमाचल के नाम से बिक रहा है। जाहिर है कि राज्य का सेब पहचान के संकट से जूझ रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब यहां उत्पादित होने वाले सेब की ब्रांडिंग पर फोकस करने की ठानी है। इसके लिए प्रमुख सेब उत्पादक हिमाचल से भी बेहतर पैकेजिंग किसानों को मुहैया कराने की तैयारी है। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। यही नहीं, स्टोरेज और मार्केटिंग के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि सेब उत्पादकों को परेशानी न हो।
उत्तराखंड में करीब 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है, लेकिन राज्य गठन के 18 साल बाद भी यहां का सेब अपनी पहचान नहीं बना पाया है। असल में इसके लिए सेब की ब्रांडिंग और विपणन को लेकर दावे तो खूब हुए, मगर धरातल पर गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत नहीं समझी गई।
अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ब्रांडिंग के मद्देनजर सेब उत्पादकों को खाली पेटियां तक नसीब नहीं हो पातीं। यहां के सेब उत्पादकों को पड़ोसी राज्य हिमाचल से पेटियां मंगवानी पड़ती हैं। ऐसे में यहां का सेब हिमाचल एप्पल के नाम से बिकना स्वाभाविक है। इस सबको देखते हुए मौजूदा सरकार ने अब सेब की ब्रांडिंग पर फोकस करने की ठानी है। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक सेब की पेटियां ऐसी तैयार की जाएंगी, जो हिमाचल से बेहतर होंगी।
इनमें यहां के सेब की न्यूट्रीशन वेल्यू भी अंकित होगी। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कृषि एवं उद्यान मंत्री ने बताया कि सेब उत्पादकों को इस बार सेब की पैकेजिंग को पेटियां समय पर मिलें, यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सेब उत्पादकों को फायदा हो, इसके लिए स्टोरेज की व्यवस्था कराने के साथ ही सेब की मार्केटिंग के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर लगने वाले मेलों, एक्सपो में भी सेब का प्रदर्शन किया जा रहा है।
राज्य में सेब उत्पादक जिले
जिला, क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
उत्तरकाशी, 7988
नैनीताल, 7810
देहरादून, 4797
चमोली, 4317
टिहरी, 3424
पिथौरागढ़, 1597
अल्मोड़ा, 1572
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