तो कांग्रेस ने कब्जाए भाजपा के 50 फीसद वोट
नगर निकाय चुनाव के नतीजे भले ही भाजपा को अच्छी-खासी जीत मिलने और कांग्रेस अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उत्साहजनक नतीजों को तरसने की तस्दीक कर रहे हों, लेकिन कांग्रेस का खुद का आकलन इसके एकदम उलट है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
नगर निकाय चुनाव के नतीजे भले ही भाजपा को अच्छी-खासी जीत मिलने और कांग्रेस अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उत्साहजनक नतीजों को तरसने की तस्दीक कर रहे हों, लेकिन कांग्रेस का खुद का आकलन इसके एकदम उलट है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का मानना है कि एंटी इनकंबेंसी फैक्टर ने असर दिखाया है। विधानसभा चुनाव की तुलना में निकाय चुनाव में कांग्रेस अपनी धुर विरोधी भाजपा को पीछे धकेलने में कामयाब रही है। सिर्फ देहरादून नगर निगम में ही विधानसभा चुनाव में भाजपा को करीब 70 हजार से ज्यादा मतों की बढ़त मिली थी। निकाय चुनाव में यह फासला घटकर 35 हजार तक पहुंचा है।
कांग्रेस ने वर्ष 2013 की तर्ज पर निकाय चुनाव के इतिहास को दोहराने की भरसक कोशिश तो की, लेकिन पार्टी के मंसूबे पूरे नहीं हो सके। वर्ष 2013 में केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकारें थीं, लेकिन भाजपा ने इसी वर्ष हुए निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को जमकर पटखनी दे दी थी। कांग्रेस नगर निगम में खाता खोलने को तरस गई थी। भाजपा को महापौर समेत अध्यक्ष पद की कुल 69 सीटों में 22 पर विजयश्री मिली थी, लेकिन कांग्रेस को सिर्फ 20 पर संतोष करना पड़ा था।
वर्ष 2018 में केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारों के रहते हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस ने वही इतिहास दोहराने का ख्वाब तो देखा, लेकिन यह हकीकत से कोसों दूर रह गया। कुल 84 निकायों के लिए हुए चुनाव में पार्टी दो नगर निगमों, 15 नगरपालिका परिषदों और आठ नगर पंचायतों समेत कुल 25 निकायों पर काबिज हुई है, जबकि भाजपा को 34 निकायों में कामयाबी मिली। इस सबके बावजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव से करीब पौने दो साल की अवधि में निकाय चुनाव तक आते हुए अपने प्रदर्शन को बेहतर मान रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि एंटी इनकंबेंसी फैक्टर अपना असर दिखा रहा है। इस फैक्टर के चलते भाजपा विधानसभा चुनाव के अपने प्रचंड बहुमत के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी। सिर्फ देहरादून नगर निगम क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से 70 हजार से ज्यादा मत हासिल किए थे। रायपुर, राजपुर रोड, धर्मपुर और कैंट विधानसभा क्षेत्र नगर निगम में पूरी तरह शामिल हैं, जबकि सीमा विस्तार के बाद इसमें पुराने क्षेत्र से सटा बड़ा ग्रामीण क्षेत्र शामिल किया जा चुका है। प्रीतम सिंह ने दावा किया निकाय चुनाव में यह फासला घटकर 50 फीसद यानी 35 हजार तक रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब 2019 में भाजपा को शिकस्त देने लोकसभा चुनाव को और मजबूती से लड़ेगी।