पिथौरागढ़ में आपदा के बढ़ते मामलों को देख एसडीआरएफ की एक और कंपनी होगी तैनात
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बीते कुछ समय से आपदाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां एसडीआरएफ की एक और कंपनी तैनात की जाएगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पिथौरागढ़ में बीते कुछ समय से आपदाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां एसडीआरएफ की एक और कंपनी तैनात की जाएगी। अभी पिथौरागढ़ में एसडीआरएफ की दो कंपनियां तैनात हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार की घटना को देखते हुए एसडीआरएफ की एक और कंपनी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ का इलाका काफी संवेदनशील है। वहां के पहाड़ कच्चे हैं। वहां और क्या क्या किया जा सकता है, इस संबंध में विचार विमर्श किया जा रहा है। महिलाओं को भूमि पर मालिकाना अधिकार दिए जाने संबंधी फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में महिलाएं ही खेतों में सारा काम करती हैं मगर वे ऋण नहीं ले सकती। महिलाओं का भी भूमि पर स्वामित्व होने से वे ऋण लेने के साथ ही सरकारी योजनाओं का भी लाभ ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी गोल खातों की व्यवस्था है। बंदोबस्ती का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया को सर्वे करने को भी कहा गया है।
पहाड़ टूटने से दबे थे तीन मकान
गौरतलब है कि रविवार की रात को पिथौरागढ़ जिले में बादल फट गया, जिससे टांगा गांव में एक तोक में पहाड़ टूटने से मलबे में तीन मकान दब गए थे। इन मकानों में रहने वाले ग्यारह लोग दब गए थे। एक व्यक्ति घायल हो गया था। टांगा तक पहुंचने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। अलबत्त्ता टांगा के ग्रामीण मलबे में दबे व्यक्तियों को निकालने के लिए प्रयास रत रहे। आसपास के गांवों के युवा भी रेस्क्यू के लिए पहुंचे।
यह भी पढ़ें: पिथौरागढ़ आपदा में लापता पांच ग्रामीणों के शव बरामद, अन्य को ढूढने का अभियान जारी
मार्ग बंद होने से देर से लोग यहां तक पहुंच पाए। गांव में दहशत बनी रही। मलबे में दबे ग्यारह ग्रामीणों की खोज का कार्य जारी है। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, विधायक मौके पर मौजूद हैं। रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, पुलिस और राजस्व पुलिस के साथ स्थानीय ग्रामीण जुटे हैं। अभी तक पांच शव निकाले जा चुके हैं जिसमें तीन की शिनाख्त हो चुकी है।