ऋषिकेश में टीकाकरण केंद्र में विधायक निधि से सिलिंडर, बैंच और शेड बनाने की घोषणा
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उप स्वास्थ्य केंद्र छिद्दरवाला में चलाए जा रहे कोरोना टीकाकरण केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र में वैक्सिनेशन को आने वाले नागरिकों के लिए टीन शेड लगाए जाने दो ऑक्सीजन सिलिंडर एवं बैठने के लिए चार बैच देने की घोषणा की।
संवाद सूत्र, रायवाला ऋषिकेश। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उप स्वास्थ्य केंद्र, छिद्दरवाला में चलाए जा रहे कोरोना टीकाकरण केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने टीकाकरण केंद्र की आवश्यकता को देखते हुए विधायक निधि लगभग तीन लाख 50 हजार की लागत से केंद्र में वैक्सीनेशन को आने वाले नागरिकों के लिए टीन शेड लगाए जाने, दो ऑक्सीजन सिलिंडर और बैठने के लिए चार बैच देने की घोषणा की।
मेडिकल स्टाफ हेमा पंत ने उन्हें अवगत किया कि टीकाकरण केंद्र पर रोज 45 वर्ष से अधिक लगभग ढाई सौ लोग को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। छिद्दरवाला टीकाकरण केंद्र में चक जोगीवाला, जोगीवाला माफी, खैरीकला और साहब नगर ग्राम पंचायतों के लोग टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने टीकाकरण केंद्र में नागरिकों से मास्क पहन कर आने तथा दो गज की दूरी बनाए रखने की बात कही। साथ ही टीकाकरण केंद्र में अनावश्यक भीड़ न हो इस बात का ध्यान रखने के लिए कहा।
उन्होंने टीकाकरण की पात्रता रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं के लिए, परिवार के लिए और समाज की सुरक्षा के लिए टीका लगवाने की सलाह दी। इस दौरान जोगीवाला माफी के प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, चक जोगीवाला के प्रधान भगवान सिंह महर, सरदार बलविंदर सिंह, रोशन कुडियाल, महिला मोर्चा की अध्यक्ष समा पवार, युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रिंस रावत, संतोष रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनीता राणा मौजूद रहे।
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ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने में उपयोगी है योगासन
डोईवाला निवासी योगाचार्य अमित सिंह बिष्ट ने दावा किया है कि अनुलोम-विलोम प्राणायाम, मानसिक एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ शरीर मे ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में भी बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म व्यायाम संधि संचालन आसनों में ताड़ासन, धनुरासन, वक्रासन, कटिचक्रासन पवन मुक्तासन, शशांकासन, उष्ट्रासन और सूर्य नमस्कार उपयोगी है। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, उज्जायी, चन्द्रभेदी, शीतली, शीतकारी व प्राण मुद्रा, ध्यान मुद्रा, वायु मुद्रा और षट्कर्म में नेति, वमन, वातक्रम कपाल-भाति,व्यूतक्रम कपाल-भाति और शीतक्रम कपाल-भाति का अभ्यास करें। मानसिक शांति के लिए भ्रामरी, उद्गीथ व प्रणव ध्यान करें। घर में काढ़ा बनाने से पूर्व आयुष वैद्य से परामर्श लें स्वयं वैद्य ना बने। तुलसी, गिलोय के स्वरस का सेवन कर सकते हैं।
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