Ankita Murder Case: निलंबित पटवारी वैभव की भूमिका की भी होगी जांच, एसआइटी करेगी राजस्व अधिकारी से पूछताछ
Ankita Murder Case अंकिता हत्याकांड में निलंबित पटवारी वैभव पर अंकिता की हत्या के मुख्य आरोपित पुलकित से गठजोड़ का आरोप है। वह अक्सर रिसार्ट जाता था। हत्या वाले दिन आरोपितों से कई बार बात की भी चर्चा है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: Ankita Murder Case अंकिता हत्याकांड में निलंबित किए जा चुके पटवारी वैभव प्रताप सिंह की भूमिका की भी जांच होगी। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी की प्रभारी डीआइजी पी. रेणुका देवी का कहना है कि इसके लिए राजस्व अधिकारी से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा जरूरी साक्ष्य एकत्र किए जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
पुलकित आर्या से गठजोड़ का आरोप
इस मामले में वैभव प्रताप सिंह की भूमिका शुरुआत से सवालों में है। उस पर अंकिता की हत्या के मुख्य आरोपित रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्या से गठजोड़ के आरोप लग रहे हैं। इसके पीछे कई वाजिब कारण हैं।
न गुमशुदगी दर्ज की, न अधिकारियों को दी सूचना
दरअसल, अंकिता की हत्या के अगले दिन यानी 19 सितंबर को ही वैभव को उसके लापता होने की सूचना मिल गई थी। इसके बाद वैभव ने अंकिता के स्वजन से संपर्क भी किया, मगर गुमशुदगी दर्ज नहीं की और न मामले की सूचना उच्च अधिकारियों को दी।
20 सितंबर को चला गया था छुट्टी पर
मामले की जांच करने के बजाय अगले दिन 20 सितंबर को वह चौकी का चार्ज पटवारी विवेक कुमार को सौंपकर चार दिन की छुट्टी पर चला गया। बताया जा रहा है कि वैभव अक्सर पुलकित के रिसार्ट जाता था। उसके लिए रिसार्ट में एक कमरा आरक्षित होने की चर्चा भी फिजां में खूब तैर रही है।
राजस्व अधिकारियों से भी की जाएगी पूछताछ
इसके अलावा हत्याकांड वाले दिन उसकी आरोपितों से कई बार फोन पर बातचीत होने की भी चर्चा है। ऐसे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि एसआइटी ने अब तक वैभव से पूछताछ क्यों नहीं की। इसी कड़ी में मीडिया से बातचीत में डीआइजी पी. रेणुका देवी ने स्पष्ट किया कि संबंधित मामले में राजस्व अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी।
न्यायालय से आदेश लेकर देख सकते हैं पीएम रिपोर्ट
अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जुड़े सवाल पर डीआइजी पी. रेणुका देवी ने कहा कि एम्स के चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
अगर किसी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखनी है तो न्यायालय से आदेश प्राप्त कर इसे देख सकता है। उन्होंने यह अपील भी की कि इंटरनेट मीडिया पर इस मामले को लेकर कोई भ्रामक पोस्ट न डालें और न ही ऐसी कोई पोस्ट साझा करें। इससे विवेचना प्रभावित होती है।