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एनएसए अजीत डोभाल मूल गांव में स्थानांतरित करेंगे अपना वोट

एनएसए अजीत डोभाल ने भरोसा दिया है कि वह भी उत्तराखंड में अपने मूल गांव से निरंतर जुड़ने के क्रम में हैं और जल्द ही अपना वोट अपने मूल गांव में स्थानांतरित करेंगे।

By Edited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 08:50 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 03:32 PM (IST)
एनएसए अजीत डोभाल मूल गांव में स्थानांतरित करेंगे अपना वोट
एनएसए अजीत डोभाल मूल गांव में स्थानांतरित करेंगे अपना वोट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भरोसा दिया है कि वह भी उत्तराखंड में अपने मूल गांव से निरंतर जुड़ने के क्रम में हैं और जल्द ही अपना वोट अपने मूल गांव में स्थानांतरित करेंगे।

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने यह भरोसा राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को दिया है। पलायन से खाली हो रहे पर्वतीय क्षेत्र में रिवर्स पलायन को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल बलूनी अपनी पहल 'अपना वोट, अपने गांव' जारी रखे हुए हैं। इस कड़ी में उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने पलायन रोकने की मुहिम के बारे में डोभाल से परिचर्चा की और उनके अनुभव को भी जाना। साथ ही उन्होंने कहा कि एनएसए डोभाल भारत के गौरव हैं। राष्ट्रहित में उनके योगदान के लिए हर उत्तराखंडी को उन पर गर्व है। 

वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड की इन बड़ी हस्तियों की ओर से 'अपना वोट अपने गांव' की पहल को समर्थन देने से देश-विदेश में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों में सकारात्मक संदेश जाएगा। इससे गांव को फिर से आबाद करने व पलायन को रोकने का अभियान आगे बढ़ेगा। साथ ही राज्य को पलायन की विकराल समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। बड़ी हस्तियों का ये रुख प्रवासियों को गांव से जोड़ने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम से अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं, लेकिन पलायन को सामाजिक जागृति के बगैर रोका नहीं जा सकता। 

राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि हमारे पूर्वजों के खून-पसीने से सींची हुई धरती आज भुतहा और बंजर स्थिति में बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस स्थिति को बदलने और गांवों को संवारने के लिए सबका सहयोग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में कोस्ट गार्ड के डीजी राजेंद्र सिंह से भी उनकी भेंट हुई। राजेंद्र सिंह से यह सुनकर सुखद अनुभूति हुई कि चकराता क्षेत्र में उनके गांव में वह भवन निर्माण करा रहे हैं। उन्होंने उक्त दोनों महानुभावों को अपना वोट-अपने गांव अभियान का प्रतीक चिह्न भी भेंट किया। उन्होंने कहा कि वह आगामी 15 अगस्त तक ऐसे महानुभावों और इस पर चिंता करने वाले व्यक्तियों से संवाद कर अनुरोध करेंगे कि पहाड़ों को दोबारा आबाद करने व पलायन रोकने की संयुक्त पहल को मजबूत किया जाए। 

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