आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर विभाग सख्त
नोटिस के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के तेवर तल्ख बने हुए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: नोटिस के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के तेवर तल्ख बने हुए हैं। आलम ये है कि दून समेत कई जिलों में सैकड़ों कार्यकर्ता अभी भी अनशन पर बैठी हैं। इसको देखते हुए विभाग ने भी अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। बुधवार को रुद्रप्रयाग की दो कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर चेतावनी जारी की गई है।
जिला प्रोग्राम अधिकारी अखिलेश मिश्रा के अनुसार देहरादून जनपद में कुल 66 फीसदी कार्यकर्ता अनशन पर हैं। विभाग की ओर से उन्हें गुरुवार शाम तक का समय दिया गया है। यदि वह निर्धारित समय में वे काम पर वापस न लौटीं तो शुक्रवार को उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। वहीं, आंगनबाड़ी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि विभाग कार्यकर्ताओं के काम पर लौटने की अफवाहें फैला रहा है। जिसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग यदि ऐसा चाहता है तो पहले वह उनकी मांगें पूरी करे।
बता दें कि देहरादून में बेमियादी अनशन के 19वें दिन बुधवार को बसंत रावत और मधुबाधिनी अनशन पर रहीं। यूकेडी ने समर्थन में दिया धरना
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बेमियादी अनशन पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर यूकेडी के 15 सदस्यों ने धरना स्थल पर प्रदर्शन कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समर्थन दिया। इस मौके पर उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान यूकेडी के उपाध्यक्ष पीसी थपलियाल ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग को सूचित करके ही धरने पर बैठी थी। सरकार का उनके साथ ऐसा व्यवहार अलोकतांत्रिक कदम है। इस दौरान यूकेडी के अध्यक्ष दिवाकर भट्टं, विजय, मीनाक्षी, भरत ममगाई, सुनील ध्यानी, राजेंद्र बिष्ट सहित अन्य मौजूद रहे। गोपेश्वर में बनी सहमति
उधर, चमोली जनपद में बाल विकास विभाग द्वारा आदोलित आगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को जारी सेवा समाप्ति के नोटिस का असर दिखने लगा है। बाल विकास अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि संगठन की जिलाध्यक्ष सहित घाट, नारायणबगड़, गैरसैंण, कर्णप्रयाग, दशोली विकासखंड अध्यक्षों ने हड़ताल वापस लेकर कार्य पर लौटने की सहमति दी है। वहीं जिलाध्यक्ष सहित बर्खास्त ब्लॉक अध्यक्षों ने पुन: बहाली के लिए आवेदन किया है। संगठन की जिलाध्यक्ष बिमला गैरोला ने दावा किया है कि आदोलित कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता, भवन किराए पर विभाग ने सहमति दी है। जबकि दीपावली बोनस दिए जाने का आश्वासन दिया गया है । अभी केवल रुद्रप्रयाग की कार्यकर्ताओं के बर्खास्त होने की खबर है। इसके अलावा अन्य जिलों की जानकारी अभी मुझ तक नहीं पहुंची।
झरना कामठान, निदेशक उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एंव बाल विकास विभाग।