विभाग के नोटिस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भड़कीं
मानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन आए दिन तूल पकड़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन आए दिन तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहां महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला स्तर के अधिकारियों को अनशन पर बैठी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं, वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई के विरोध में विभाग को आंदोलन की चेतावनी दी है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रांतीय अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को दबाने का प्रयास कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार और विभाग की ओर से कार्यकर्ताओं को बर्खास्त किया गया तो इसके विरोध में सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर आंदोलन को तेज करेंगे। कहा कि वर्तमान में कार्यकर्ताओं की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार और विभाग को मानदेय बढ़ाने के प्रति गंभीर होना चाहिए। इस मौके पर संगठन की महामंत्री सुमति थपलियाल, विमला गैरोला, बीना रावत आदि मौजूद रहे। डॉक्टरों की टीम का किया घेराव
परेड ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना 53वें दिन और बेमियादी अनशन 18वें दिन भी जारी रहा। बेमियादी अनशन पर डटीं कार्यकर्ता सुमन और कुसुम के स्वास्थ्य की जांच करने पहुंची दून अस्पताल की डॉक्टरों की टीम का कार्यकर्ताओं ने घेराव किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि टीम जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है। करीब 20 मिनट तक डॉक्टरों की टीम को कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
धरनास्थल पर नहीं सुरक्षा
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि धरनास्थल पर सुरक्षा के लिहाज से कोई कर्मचारी नहीं होता, जबकि विभिन्न संगठन यहां धरनारत हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्व महिला कार्यकर्ताओं को रात के समय धमका रहे हैं। ऐसे में धरने पर बैठी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा कि मांग पूरी होने के बाद वह धरना समाप्त करेंगी। विभाग के आदेश जिलाधिकारी के माध्यम से पहुंच चुके हैं। क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को नोटिस से अवगत कराया जा चुका है। शुक्रवार को नोटिस की अवधि समाप्त होने पर तत्कालीन स्थिति के बारे में जिलाधिकारी को सूचित किया जाएगा।
-क्षमा बहुगुणा, क्षेत्रीय बाल विकास परियोजना अधिकारी विभाग की ओर से जारी आदेश जिला अधिकारियों को भेज दिया है। अब वह इस संबंध में अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे।
- झरना कामठान, निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यकर्ताओं तक नोटिस पहुंचाए जा रहे हैं। जनपद में 66 फीसदी कार्यकर्ता अभी भी काम पर नहीं लौटी हैं। शुक्रवार तक यदि कार्यकर्ता काम पर न लौटीं तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सचिव तक कार्यकर्ताओं की वार्ता हो चुकी है। अब और वार्ता का मौका नहीं दिया जाएगा।
-अखिलेश मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग