देवभूमि में शाह दे गए जीत का गुरुमंत्र, वोट बैंक सहेजने की भी दी हिदायत
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तराखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं को गुरु मंत्र दिया। इस दौरान उन्होंंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो वोट बैंक सहेजकर रखें।
देहरादून, [विकास धूलिया]: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने एक दिनी छोटे से मगर अत्यंत व्यस्त दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे गए। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन को दोहराने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने अपने वोट बैंक को सहेजने की हिदायत तो दी ही, साथ ही उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में विपक्षी पार्टियों के चुनावी गठबंधन से पड़ने वाले असर को न्यून करने की रणनीति अमल में लाने को कहा। यही नहीं, आगामी चुनाव के लिहाज से खासे अहम सोशल मीडिया के इस्तेमाल के गुर भी पार्टी कार्यकर्ताओं को सिखा गए।
भाजपा अध्यक्ष शाह का उत्तराखंड का यह संक्षिप्त प्रवास ठीक नौ महीने बाद हुआ। इससे पहले शाह गत सितंबर में दो दिन के लिए उत्तराखंड आए थे। पार्टी अध्यक्ष के दौरे की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अब भाजपा पूरी तरह लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान देश की सियासत में बदली परिस्थितियों में भाजपा के समक्ष चुनौतियों में इजाफा हुआ है। खासकर, विपक्ष जिस तरह एकजुट होने के संकेत दे रहा है, उससे भाजपा अपनी रणनीति पर नए सिरे से मंथन कर रही है। इसके लिए भाजपा अध्यक्ष ने 50 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल करने का लक्ष्य कार्यकर्ताओं को दिया।
पार्टी की एक बड़ी चिंता अनुसूचित जाति के मतदाताओं को पार्टी से जोड़े रखने की है। एससी-एसटी एक्ट को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के हमलों के जवाब में भाजपा ने साफ कर दिया कि इस कानून को खत्म करने का सवाल ही नहीं, अपितु इसे और ज्यादा मजबूत किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने जिस तरह महज कुछ ही घंटों में समाज के अलग-अलग तबकों को लक्ष्य कर बैठकें व अन्य कार्यक्रम किए, उससे पार्टी की नई रणनीति के बखूबी संकेत मिल गए। शाह ने पहले हरिद्वार में अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुखिया प्रणव पंड्या, भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से 'संपर्क फॉर समर्थन ' अभियान के तहत भेंट कर उनका समर्थन मांगा। गौरतलब है कि गायत्री परिवार व भारतमाता मंदिर के देश में करोड़ों अनुयायी हैं।
इसके बाद भाजपा अध्यक्ष ने देहरादून में विस्तारकों और सोशल मीडिया सेल से जुड़े कार्यकर्ताओं से संवाद किया। फिर अनुसूचित जाति के प्रबुद्ध जनों से विचार विमर्श और अंत में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में बैठक। इन कार्यक्रमों के जरिये अमित शाह ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया कि उन्हें किस तरह नई चुनौतियों से जूझना है, उनसे पार पाना है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने जीत के लिए कार्यकर्ता को सबसे महत्वपूर्ण करार दिया और यह नसीहत भी दे दी कि नेता उनसे बेहतर संवाद और तालमेल बनाकर रखें क्योंकि किसी भी पार्टी की सफलता में एक आम कार्यकर्ता की अहमियत ही सबसे अधिक होती है।
उत्तराखंड भाजपा का एक मजबूत गढ़ है। हालांकि यहां लोकसभा की केवल पांच ही सीटें हैं, लेकिन इससे इसकी अहमियत कम नहीं हो जाती। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नमो लहर में राज्य की पांचों सीटों पर भाजपा का परचम फहराया था। पिछले वर्ष संपन्न विधानसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत के क्रम को भाजपा ने आगे बढ़ाया और 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज की। अब आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी का लक्ष्य अपने प्रदर्शन की पुनरावृत्ति का है। इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं में जीत का मंत्र फूंक कर उन्हें चुनावी समर में उतरने को तैयार कर गए।
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