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बोले अमित शाह, वंशवाद भारत का स्वभाव नहीं; कांग्रेस का है

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वंशवाद पर कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि वंशवाद भारत का स्वभाव नहीं है, बल्कि कांग्रेस का है। जब भी भाजपा सत्ता में आई, विकास में तेजी आई ।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 08:49 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 09:17 PM (IST)
बोले अमित शाह, वंशवाद भारत का स्वभाव नहीं; कांग्रेस का है
बोले अमित शाह, वंशवाद भारत का स्वभाव नहीं; कांग्रेस का है

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि वंशवाद भारत का स्वभाव नहीं है, बल्कि कांग्रेस का है। इसे समूचे भारत पर नहीं थोपा जाना चाहिए। 

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमेरिका में दिए उनके हालिया बयान पर शाह ने यह बात कही। भाजपा अध्यक्ष तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम के प्रेक्षागृह में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अपने 48 मिनट के संबोधन में उन्होंने भाजपा को विकास का पर्याय बताया। 

साथ ही आंकड़े पेश कर इसे साबित करने की कोशिश भी की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि जब भी भाजपा सत्ता में आई, विकास दर में तेजी आई है। 

प्रबुद्धजनों को 'भाजपा राजनीति में क्यों है' विषय पर संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा अन्य राजनीतिक दलों से हटकर है, जो परिवारवाद पर नहीं, लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर चलती है। इस दौरान उन्होंने जनसंघ के जन्म से लेकर भाजपा के मौजूदा सफर तक प्रकाश डाला और तीन बिंदु यानि पार्टी के भीतर लोकतंत्र, पार्टी के सिद्धांत और भाजपा सरकार के शासन करने के तरीकों की सिलसिलेवार जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि देश की 1650 पार्टियों में केवल भाजपा व कम्युनिस्ट पार्टी में लोकतंत्र बचा है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सबको पता है कि कल कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा। 

अमित शाह ने कहा कि भाजपा क्षमतावान कार्यकर्ताओं को पूरा मौका देती है। जो पार्टियां वंशवाद से उपर उठी हैं, वही देश का कल्याण कर सकती हैं। 

केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि अब तक जनहित में 106 फैसले लिए गए हैं। इनमें कुछ ऐसे फैसले भी थे जो कटु लगे, लेकिन जो भी किया उसके केंद्र में आमजन रहा। भाजपा अध्यक्ष ने चुटकी ली कि पहले फैसले ऐसे होते थे जो लोगों को अच्छे लगे। अब फैसले ऐसे लिए जाते हैं जो लोगों के लिए अच्छे हों। उन्होंने भाजपा को विकास का पर्याय बताया और कहा कि जब भी भाजपा सत्ता में आई है, तब देश में विकास हुआ है। 

अटल व मोदी सरकार के कार्यकाल के जीडीपी आंकड़ों की तुलना कांग्रेस सरकार के आंकड़ों से करें तो अंतर खुद-ब-खुद नजर आएगा। उन्होंने कहा कि पहले कुछ प्रदेशों को बीमारू की श्रेणी में शुमार किया जाता था। इनमें प्रमुख रूप से बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश शामिल थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इन प्रदेशों की तस्वीर बदल दी है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। भाजपा पुनर्निर्माण नहीं नवनिर्माण में विश्वास रखती है। पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीन दयाल उपाध्याय की नीतियों पर चलते हुए देश को प्रगति की राह में आगे ले जा रही है।

उत्तराखंड के संदर्भ में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यहां की जनता ने हम पर विश्वास करके सत्ता सौंपी है, हम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के साथ ही  पाई-पाई का हिसाब देंगे। 

केंद्र के स्तर से राज्य के हित में लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में उत्तराखंड को केंद्रीय करों के रूप में 15915 करोड़ रुपये मिला था। भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा 41665 करोड़ पहुंच गया है। यही नहीं, कई अन्य योजनाओं के लिए एक लाख करोड़ से अधिक देने की केंद्र सरकार की योजना है। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार यहां की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अहसास कराएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत कांग्रेस की गंदगी को साफ कर राज्य को बीमारू श्रेणी से बाहर निकालेंगे। 

विकास कार्यों में गड़बड़ी तो मुझे बताएं: शाह

घर-बार छोड़कर विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की नैया के खेवनहार विधानसभा विस्तारकों और पालकों पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विशेष प्यार उमड़ा। सरकार में बैठे अपने ही जनप्रतिनिधियों और सरकारी मशीनरी से तरजीह नहीं मिलने से आहत विधानसभा विस्तारकों को शाह ने भरोसा बंधाया, साथ में क्षेत्र में केंद्र, राज्य या ग्राम पंचायत की ओर से होने वाले विकास कार्यों की धनराशि के उपयोग पर नजर रखने को कहा। 

उन्होंने कहा कि उक्त योजनाओं की धनराशि में गड़बड़ी दिखती है तो इसकी सूचना सीधे उन्हें दी जाए। विधानसभा विस्तारकों और पालकों पर उन्होंने बूथों को नए सिरे से मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने यह भी कहा कि चालाक और चापलूस नेताओं से पार्टी सतर्क है। शाह ने विस्तारकों को आश्वस्त किया कि उनके सुझावों पर अमल होगा। उन्होंने विधानसभा विस्तारकों और पालकों को बूथों की जिम्मेदारी भी सौंपी। 

अन्य दलों के लोगों को करेंगे डाइजेस्ट

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बूथों और निचले स्तर पर अन्य दलों के कार्यकर्ताओं को जोडऩे से पार्टी को गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी अन्य दलों के लोगों को एडजस्ट नहीं, बल्कि डाइजेस्ट कर सकती है। 

मजबूत बूथों से हर चुनौती का मुकाबला

अगले लोकसभा चुनाव हों या नगर निकाय या अन्य चुनाव, भाजपा अपनी सभी चुनौतियों से 'मजबूत बूथों' के जरिए निपटेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों को बूथों को मजबूत करने का गुरुमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा कैडर आधारित पार्टी है। कैडर का मतलब यही है कि पार्टी की हर रीति-नीति बूथ स्तर तक पहुंचे। 

बूथ स्तर तक सक्रियता के लिए प्रदेश संगठन को निरंतर संवाद और तालमेल बनाए रखने की हिदायत दी गई है। पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारियों, जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों, कोर ग्रुप, पूर्व प्रदेश अध्यक्षों व राष्ट्रीय पदाधिकारियोंकी बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बूथों को मजबूत किए जाने का नतीजा अब तक अच्छा रहा है। पार्टी को मिले बहुमत में बूथों का बड़ा योगदान है।

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