यहां 73 फीसद परिवारों की आमदनी है 5000 से भी कम, जानिए
अल्मोड़ा जिले के 73.30 फीसद ग्रामीण परिवार पांच हजार रुपये महीने से भी कम आय पर गुजारा कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में 73.30 फीसद ग्रामीण परिवार पांच हजार रुपये महीने से भी कम आय पर गुजारा कर रहे हैं। वहीं, 16.24 फीसद परिवारों की आय पांच से 10 हजार रुपये के बीच है और 10.46 फीसद ही ऐसे परिवार हैं, जिनकी आय 10 हजार रुपये महीने से अधिक है। यही कारण है कि लोग जीवनयापन के लिए पलायन करने को विवश हो रहे हैं। पलायन पर नजर डालें तो यहां के सात विकासखंडों में 4.20 फीसद लोग अपने घरों से दूर हो गए हैं। अल्मोड़ा जिले की यह तस्वीर उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की चतुर्थ रिपोर्ट में सामने आई है।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी की रिपोर्ट के मुताबिक अल्मोड़ा जिले की प्रति व्यक्ति औसत आय भी 96 हजार 786 रुपये है। इस मुकाबले हरिद्वार जिले की प्रति व्यक्ति औसत आय (2,54050) देखें तो वह ढाई गुना अधिक है। इसी तरह सबसे कम आय वाले जिलों में उत्तरकाशी के बाद अल्मोड़ा का ही स्थान है। कम आय और रोजगार के साधन सीमित होने के चलते लोग अल्मोड़ा से निरंतर पलायन कर रहे हैं। 11 विकासखंडों में से सात में आबादी की दर ऋणात्मक होना इसका उदाहरण है।
इसमें भिकियासैण विकासखंड में सर्वाधिक 27.78 फीसद लोग पलायन कर गए हैं। हालांकि, जिन जिलों में आबादी ऋणात्मक नहीं रही, वहां भी बढ़ोत्तरी की दर नाम के बराबर दर्ज की गई। अल्मोड़ा में ग्रामीण जनसंख्या की स्थिति (फीसद में) विकासखंड, ऋणात्मक जनसंख्या भिकियासैण, 21.78 स्याल्दे, 9.17 सल्ट, 8.85 चौखुटिया, 6.08 ताड़ीखेत, 7.45 धौलादेवी, 3.54 द्वाराहाट, 2.42।
6 हजार हमेशा के लिए कह गए अलविदा
पलायन आयोग की ताजा रिपोर्ट में पलायन की गंभीर स्थिति सामने आई है। पता चला है कि पिछले 10 सालों में अल्मोड़ा के 646 गांवों से 16,207 लोगों ने हमेशा के लिए अपने पुश्तैनी घर छोड़ दिए हैं। इसके अलावा 1022 गांवों में 53 हजार 611 लोगों ने अस्थायी रूप से पलायन किया है। यानि कि ये लोग समय-समय पर अपने घर आते रहते हैं। पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि द्वाराहाट में सर्वाधिक 92 लोगों ने हमेशा के लिए अपने घर को अलविदा कह दिया, जबकि तीन विकासखंड (सल्ट, लमगड़ा, भिकियासैण) में 70 से अधिक लोग हमेशा के लिए पलायन कर गए।
यहां बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जमीनें भी बेच दी हैं, जिससे उनके वापस लौटने की संभावना भी खत्म हो गई। पलायन की मुख्य वजह रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत सुविधाओं की कमी रही। वहीं, पलायन करने वालों में सर्वाधिक 26 से 35 वर्ष की आयु के लोग हैं।
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