उत्तराखंड में सभी कोषागार सुबह आठ से एक बजे तक खुलेंगे, पढ़िए
राज्य के सभी कोषागारों व उपकोषागारों को आवश्यक सेवाओं में शामिल कर उन्हें हर कार्यदिवस पर सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक खोला जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में वेतन और पेंशन के लिए परेशान कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सभी कोषागारों व उपकोषागारों को आवश्यक सेवाओं में शामिल कर उन्हें हर कार्य दिवस पर सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक खोला जाएगा। इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तान के साथ ही पुलिस महानिदेशक और कोषागार, पेंशन व हकदारी निदेशक को आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, नए वित्तीय वर्ष के लिए जिलों से लेकर महकमों को बजट जारी कर दिया गया है। अब तमाम सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन का भुगतान किया जाना है। साथ में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं अन्य आवश्यक उपाय करने को धनराशि के भुगतान समेत जरूरी कार्य में अड़चन न आए, इसे देखते हुए कोषागार सेवा को आवश्यक सेवा में शामिल किया गया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 में प्रविधानों के तहत यह व्यवस्था की गई है।
उक्त आदेश के मुताबिक प्रदेश में सभी कोषागारों व उपकोषागारों के साथ कोषागार निदेशालय भी हर कार्य दिवस पर सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक खुला रहेगा। आदेश के मुताबिक कोषागार, उपकोषागार व कोषागार निदेशालय से संबंधित कर्मचारी को अपने विभाग में सक्षम स्तर के अधिकारी से जारी फोटो युक्त पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। इस पहचान पत्र के आधार पर उन्हें कार्यालय तक आने-जाने के लिए चौपहिया और दुपहिया वाहनों के इस्तेमाल की इजाजत होगी। उक्त फोटो युक्त पहचान पत्र नहीं होने की स्थिति में सिर्फ पहचान पत्र के साथ डीएल, आधार कार्ड या वोटर कार्ड रखना आवश्यक होगा।
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शासन ने ये निर्देश भी दिए हैं कोषागार या उपकोषागार में आने वाले व्यक्ति के लिए यदि किसी अभिलेख में अंगूठा लगाना जरूरी होगा, तो इसके लिए संबंधित व्यक्ति की अंगुलियों व अंगूठे के साथ अन्य उपकरणों को सेनिटाइज करने को भी कहा है। केंद्र सरकार की एडवायजरी के मुताबिक कार्यालयों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराया जाएगा। कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सेनिटाइजेशन की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से करनी होगी।
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