Move to Jagran APP

Air Polution: पिछली दीपावली की अपेक्षा 14 फीसद अधिक पसरा धुआं, यहां देखिए आंकड़े

दून में एक्यूआइ पिछली दीपावली की अपेक्षा 45 अंक ऊपर चढ़ा है। इसी के साथ वायु प्रदूषण का ग्राफ 14.2 फीसद अधिक रहा। हरिद्वार में भले ही एक्यूआइ सर्वाधिक हो मगर पिछले साल की तुलना में यहां की हवा दो फीसद कम प्रदूषित रही।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:35 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:35 AM (IST)
Air Polution: पिछली दीपावली की अपेक्षा 14 फीसद अधिक पसरा धुआं, यहां देखिए आंकड़े
पिछली दीपावली की अपेक्षा 14 फीसद अधिक पसरा धुआं।

देहरादून, जेएनएन। Air Polution दून में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) पिछली दीपावली की अपेक्षा 45 अंक ऊपर चढ़ा है। इसी के साथ वायु प्रदूषण का ग्राफ 14.2 फीसद अधिक रहा। हरिद्वार में भले ही एक्यूआइ सर्वाधिक हो, मगर पिछले साल की तुलना में यहां की हवा दो फीसद कम प्रदूषित रही। दीपावली पर कम आतिशबाजी के मामले में सर्वाधिक सुधार (39 फीसद) ऋषिकेश के निवासियों ने किया। इसी तरह काशीपुर (15.4) और हल्द्वानी (1.7) में भी सुधार देखने को मिला।

loksabha election banner

दून के लिए अच्छी बात सिर्फ यह रही कि एसओटू और एनओटू के स्तर में कमी दर्ज की गई। इसका मतलब यह हुआ कि दीपावली पर पहले की अपेक्षा ट्रैफिक जाम की समस्या कम रही। जिन पीएम-10 व पीएम-2.5 जैसे अहम प्रदूषण कणों की मात्रा को एक्यूआइ में शामिल किया जाता है, उनकी स्थिति दीपावली पर अधिकतम सीमा से ढाई से तीन गुना होना भी गंभीर बात है। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि हरिद्वार में पीएम-10 की मात्रा पहले की अपेक्षा अधिक पाई गई। इसकी वजह यह हो सकता है कि वहां राजमार्ग चौड़ीकरण आदि का काम चल रहा है। वहीं, काशीपुर में एसओटू और एनओटू की मात्रा अधिक पाई गई। जिसका आशय यह हुआ कि वहां दीपावली पर ट्रैफिक जाम अधिक रहा।

दून में पिछली और इस दीपावली की स्थिति

प्रदूषणकारी तत्व, 2019, 2020

  • पीएम-10, 276, 316
  • पीएम-2.5, 128, 156
  • एसओटू, 35, 33
  • एनओटू, 55, 42
  • एक्यूआइ, 272, 317

ऋषिकेश में इस तरह हुआ सुधार

प्रदूषणकारी तत्व, 2019, 2020

  • पीएम-10, 283, 160
  • पीएम-2.5, 152, 90
  • एसओटू, 29, 24
  • एनओटू, 43, 42
  • एक्यूआइ, 325, 198

यह भी पढ़ें: AIR Polution: हरिद्वार और दून में दीपावली पर सर्वाधिक रहा वायु प्रदूषण, जानें- कैसे परखी जाती है गुणवत्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.