इंटरव्यू में देरी करने वाले विद्यालयों को लगा झटका
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों को मायूस होना पड़ेगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों को मायूस होना पड़ेगा। उक्त विद्यालयों में चार जनवरी, 2017 से पहले प्रारंभ नियुक्ति प्रक्रिया को सरकार ने निरस्त कर दिया है। अलबत्ता, उक्त तिथि से पहले साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर शिक्षा महकमे को प्रस्ताव भेजने वाले विद्यालयों को हाईकोर्ट के आदेश के चलते राहत दी गई है।
दरअसल, सरकार सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में बैकडोर से भर्ती की शिकायतों के मद्देनजर विनियमों में संशोधन कर चुकी है। पहले सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों की भर्ती में इंटरव्यू के लिए 25 अंक निर्धारित थे। इन अंकों की बदौलत विद्यालयों के प्रबंध तंत्र पर भर्तियों में मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। अब सरकार ने इन विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया के मानक कड़े करने के साथ ही इंटरव्यू के अंक नाममात्र के कर दिए हैं। विनियमों में संशोधन के बाद अब अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति नए मानकों के मुताबिक की जाएगी। वहीं भर्ती प्रक्रिया में देरी के चलते काफी संख्या में अशासकीय विद्यालयों को झटका लगा है।
खासतौर पर बीते वर्ष नई सरकार के गठन से पहले पिछली सरकार के कार्यकाल में चार जनवरी, 2017 से पहले भर्ती प्रक्रिया के नाम पर महज विज्ञापन जारी करने तक सीमित रहे विद्यालयों को सरकार ने झटका दिया है। इन विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया से संबंधित विज्ञापन निरस्त करने के आदेश सरकार ने बुधवार को दिए हैं। इस मामले में सिर्फ उन्हीं विद्यालयों को राहत दी गई है जो साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी कर चुके थे और इस मामले में हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे। हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए सरकार ने चार जनवरी, 2017 से पहले साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी करने के बाद चयन समिति के माध्यम से मुख्य शिक्षा अधिकारी अथवा मंडलीय अपर निदेशक को प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजने वाले विद्यालयों में भर्ती की कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इससे कुछ विद्यालयों को राहत मिलना तय है, जबकि शेष विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित विज्ञापन ही निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने बुधवार को आदेश जारी किए हैं। विज्ञापन निरस्त करने से करीब डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यालयों में नियुक्तियां प्रभावित होना तय है।