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विनियम में संशोधन के बगैर राहत मुमकिन नहीं

सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया बीच में रुकने से बेचैन विद्यालय प्रबंधकों को राहत मिलना आसान नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 09:51 PM (IST)
विनियम में संशोधन के बगैर राहत मुमकिन नहीं
विनियम में संशोधन के बगैर राहत मुमकिन नहीं

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया बीच में रुकने से बेचैन विद्यालय प्रबंधकों को राहत मिलना आसान नहीं है। बगैर विनियम में संशोधन के बाधित भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना मुमकिन नहीं होगा।

प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालयों ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन नगर निकाय चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते यह प्रक्रिया रोकनी पड़ी। भर्ती प्रक्रिया 90 दिन में पूरी नहीं होने की स्थिति में दोबारा से इसे कराए जाने का प्रावधान विनियमों में किया गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में भर्तियों में धांधली की शिकायतें मिलने पर विनियमों में ही संशोधन कर डाला है। इसके मुताबिक भर्ती प्रक्रिया को हर हाल में 90 दिन के भीतर पूरा किया जाना है। प्रदेश में कुछ स्थानों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर चुके विद्यालयों को नगर निकाय चुनाव आचार संहिता के चलते इसे बीच में ही रोकना पड़ा था। इस मामले में समस्या तब पैदा हुई, जब काफी आगे बढ़ चुकी भर्ती प्रक्रिया आचार संहिता के चलते 90 दिन पूरे होने के कारण बाधित हो गई।

सूत्रों के मुताबिक अशासकीय विद्यालयों के प्रबंधकों को राहत देने के लिए सरकार को विनियम में संशोधन करना होगा, अन्यथा विद्यालयों को नियुक्ति प्रक्रिया दोबारा प्रारंभ करनी होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय इस संबंध में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को कार्यवाही के आदेश दे चुके हैं।


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