कृषक आमदनी की सामने आएगी असल तस्वीर
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में किसान किस स्थिति में हैं और उनकी वार्षिक आमदनी कि
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
उत्तराखंड में किसान किस स्थिति में हैं और उनकी वार्षिक आमदनी कितनी है, इसकी असल तस्वीर जल्द ही सामने आएगी। किसानों की वार्षिक आय के मद्देनजर सैंपल सर्वे कराया जा रहा है। कृषि सचिव डी.सेंथिल पांडियन ने बुधवार को सचिवालय में संवाददाताओं से बातचीत में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक फसल, गैर फसल गतिविधि, मजदूरी व अन्य स्रोतों के लिहाज से राज्य में किसानों की वार्षिक आय 59000 रुपये है। अब सर्वे में अन्य बिंदुओं को भी शामिल किया गया है।
मंडी परिषद में रिवाल्विंग फंड
कृषि सचिव ने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि किसानों को मंडियों में कृषि उत्पादों का उचित दाम मिले, इसके लिए मंडी परिषद में रिवाल्विंग फंड बनाया जाएगा। परिषद कृषि उत्पादों का मूल्य तय करेगी। इससे किसान के सामने बेहतर विकल्प होगा।
केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव
पौष्टिकता से लबरेज मंडुवा, सांवा, काकुल, रामदाना जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने को जरूरी है कि इसी के अनुरूप किसानों को उन्नत बीज भी मिलें। कृषि सचिव के मुताबिक इस सिलसिले में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
ऑनलाइन बिकेंगे 'हिलांस' प्रोडक्ट
कृषि सचिव ने बताया कि आजीविका विकास परियोजना के तहत इससे जुड़े समूहों के कृषि उत्पादों की 'हिलांस' ब्रांड के तहत बिक्री की जा रही है। इसमें जल्द ही ऑनलाइन बिक्री के मद्देनजर अमेजॉन समेत अन्य ऑनलाइन शॉपिंग साइटस से बातचीत चल रही है। हिलांस में सथानीय अनाज, दालें, मसाले शामिल हैं। इसके पीछे मंशा किसानों की आय दोगुना करने की है।
कृषि गोष्ठी व फार्म मशीनरी बैंक मेला चार को
कृषि सचिव ने बताया कि कृषि विभाग एवं आइफेड की संयुक्त पहल पर चार मई को देहरादून के परेड मदान में राज्य स्तरीय कृषक गोष्ठी एवं फार्म मशीनरी बैंक मेले का आयोजन किया गया है। इसमें राज्यभर से करीब पांच हजार किसान भाग लेंगे। इस दौरान कृषि और इससे जुड़े रेखीय विभागों द्वारा नवीन तकनीकी पर केंद्रित स्टाल भी लगाए जाएंगे। इस मौके पर 370 फार्म मशीनरी बैंक भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए 400 फार्म मशीनरी बैंक वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की कोशिश है कि प्रथम चरण में न्याय पंचायत और द्वितीय चरण में ग्राम पंचायत स्तर पर एक-एक फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जाएं। इससे किसानों को कृषि उपकरण आसानी से उपलब्ध होंगे।