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उत्‍तराखंड में चारधाम यात्रा नजदीक, पंजीकरण एजेंसी तय नहीं

चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं के पंजीकरण का कार्य त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम नामक संस्था को सौंपा था। संस्था के साथ पांच वर्ष का अनुबंध समाप्त हो चुका है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 01:10 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:18 AM (IST)
उत्‍तराखंड में चारधाम यात्रा नजदीक, पंजीकरण एजेंसी तय नहीं
उत्‍तराखंड में चारधाम यात्रा नजदीक, पंजीकरण एजेंसी तय नहीं

ऋषिकेश, जेएनएन। वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद शासन ने चार धाम और श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं के पंजीकरण का कार्य त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम नामक संस्था को सौंपा था। पिछले 5 वर्षों से यह एजेंसी यात्रियों को निश्शुल्क फोटोमेट्रिक पंजीकरण सुविधा उपलब्ध करा रही थी। संस्था के साथ पांच वर्ष का अनुबंध समाप्त हो चुका है। सात मई से अक्षय तृतीया के रोज चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है। मगर पंजीकरण को लेकर अब तक कुछ भी तय नहीं हो पाया है।

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केदार घाटी की आपदा के बाद मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और पहचान को लेकर बड़ी बहस पूरे देश में छिड़ गई थी। इस मामले में सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े किए गए थे ।इन सब से सबक लेकर सरकार ने वर्ष 2014 में सभी श्रद्धालुओं का बायोमेट्रिक पंजीकरण करने का निर्णय लिया था। 

तिरुपति बालाजी और वैष्णो देवी मंदिर में यात्री पंजीकरण की जिम्मेदारी उठाने वाली एजेंसी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम को सरकार ने यह काम सौंपा था। यह एजेंसी इन सभी श्रद्धालुओं को निश्शुल्क पंजीकरण सेवा उपलब्ध करा रही थी। पिछले दो वर्षों से बायोमेट्रिक की बजाय फोटोमेट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई। 

त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम ने हरिद्वार से लेकर सभी धामों से जुड़े मुख्य पड़ाव पर मोबाइल पंजीकरण सेवा उपलब्ध कराई थी। एजेंसी के 14 केंद्र सभी स्थानों पर स्थापित किए गए थे। पूरे वर्ष चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का सटीक आंकड़ा त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम के मार्फत सरकार को मिल जाता था। 

इस एजेंसी के कारण पंजीकरण केंद्रों में स्थानीय बेरोजगारों को भी यात्रा सीजन में रोजगार मिलता था। इस एजेंसी के साथ सरकार का अनुबंध पांच वर्ष का था जो समाप्त हो चुका है ।चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड स्थित त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम एजेंसी के मुख्यालय का ताला अब तक नहीं खुल पाया है। सात मई को अक्षय तृतीया के रोज यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे और यहीं से चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो जाएगा। मगर शासन के स्तर पर अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था कौन करेगा और कैसे होगी।

प्रेम अनंत (प्रभारी, त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम, ऋषिकेश) का कहना है कि हमने पंजीकरण को लेकर हुए अनुबंध की स्थिति से प्रदेश सरकार को अवगत करा दिया है। हमारा 5 वर्ष का अनुबंध  पूर्ण हो चुका है। यदि सरकार चाहे तो हम पूर्व की भांति फोटोमेट्रिक पंजीकरण की सभी जगह सुविधा उपलब्ध कराने को तैयार है।

एसएस सामंत (वरिष्ठ शोध अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद) का कहना है कि चार धाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं का पंजीकरण होगा। त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम निश्शुल्क सेवा दे रहा था। भविष्य में श्रद्धालुओं का पंजीकरण कौन करेगा इस पर विचार चल रहा है। शीघ्र ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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