हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार के सामने एक बार फिर चुनौती
मदन कौशिक का कहना है कि निकायों के परिसीमन पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार अपील में जाएगी। सरकारें गवर्नर के नाम पर ही चलती हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: निकायों के परिसीमन पर हाईकोर्ट के फैसले से प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है। अब सरकार के सामने परिसीमन को लेकर उठाए गए कदमों को सही साबित करने की चुनौती है। हालांकि, सरकार का तर्क है कि डबल बैंच में सारे तथ्यों के साथ अपील की जाएगी। सरकार राहत मिलने की उम्मीद भी जता रही है।
हालांकि ऐसा न होने की सूरत में सरकार की सारी कवायद धरी रह जाएगी और उसे नए सिरे से सारी कवायद करनी होगी। वहीं, हाईकोर्ट का फैसला आते ही कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि यह आदेश यह दर्शाता है कि कांग्रेस का इस मामले में विरोध सही था।
निकाय चुनावों के परिसीमन को लेकर सरकार शुरू से ही विवादों में घिरी रही है। वैसे तो सरकार ने 87 निकायों में से केवल 41 निकायों में ही परिसीमन किया था। इनका सीमा विस्तार करने के साथ ही इन निकायों में अनंतिम आरक्षण भी तय किया गया। इस बीच सरकार पर मनमाने तरीके से परिसीमन का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने हाईकोर्ट की शरण ली।
इस पर कोर्ट ने राज्यपाल की ओर से अधिसूचना जारी नहीं किए जाने को लेकर परिसीमन की कार्यवाही पर सवाल उठा दिए हैं। अब सीमा विस्तार की अधिसूचना को रद किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले से सरकार की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं। ऐसे में सरकार को एक बार फिर नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण का काम करना पड़ेगा। यह कार्य बहुत आसान नहीं होगा।
सरकार इस मामले को डबल बैंच में चुनौती देनी की तैयारी कर रही है। सरकार के प्रवक्ता व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि इस निर्णय के खिलाफ सरकार अपील में जाएगी। सरकारें गवर्नर के नाम पर ही चलती हैं।
वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए जनभावना के विपरीत सीमा विस्तार का काम किया था। उन्होंने कहा कि सुनियोजित साजिश के तहत सरकार संविधान की अवमानना करते हुए चुनावों को पीछे ले जाने का प्रयास कर रही है।
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