यहां 37 साल बाद मोहना के मंदिर में विराजेंगे चालदा देवता, जानिए
मोहना गांव में 37 वर्ष बाद 23 अक्टूबर को चालदा देवता प्रवास पर आएंगे। देवता के एक साल तक गांव में प्रवास को देखते हुए नवनिर्मित मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा की गई।
चकराता, जेएनएन। जौनसार बावर के मोहना गांव में 37 वर्ष बाद 23 अक्टूबर को चालदा देवता प्रवास पर आएंगे। देवता के एक साल तक गांव में प्रवास को देखते हुए नवनिर्मित मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा की गई। मोहना आ रहे चालदा महाराज के स्वागत के लिए मोहनावासियों के साथ ही सात खत के लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं, कोटी गांव से चालदा महाराज और हनोल मंदिर से महासू देवता के आए डोरिया और निशान के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ कमाया।
बताते चलें कि हिमाचल से जौनसार बावर प्रवास के लिए आए चालदा महाराज पिछले एक वर्ष से कोटी गांव में विराजमान हैं। जिसके बाद उनका एक वर्ष का प्रवास मोहना गांव में होना है। महाराज के आगमन के लिए ग्रामीण पिछले तीन साल से मंदिर के निर्माण में लगे हुए थे, जिसका निर्माण कुछ दिन पहले पूरा हुआ है। सोमवार को कोटी से आए चालदा महाराज और हनोल से आए महासू महाराज के डोरिये व निशान मोहना गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने देवताओं का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया। जिसके बाद विधि विधान से नवनिर्मित मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
इस दौरान पूरा मोहना गांव देवता के जयकारों से गुंजायमान रहा।
कार्यक्रम में पहुंचे सात खतों के ग्रामीण इस एतिहासिक पल के गवाह बने। मोहना के स्याणा और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि महाराज के गांव आने से वह अत्यंत खुश हैं। उनके लिए यह बहुत बड़ी खुशी है कि महाराज दीवाली के त्योहार से पहले गांव में विराजमान हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वजीर दीवान सिंह, आर्किटेक्ट नरेश चौहान, स्याणा जगवीर सिंह, मिंडाल स्याणा जगत सिंह, खारसी स्याणा शूरवीर सिंह, चंदन सिंह, माया सिंह, गगन सिंह, टीकम सिंह, प्रताप सिंह, श्याम दत्त आदि मौजूद रहे