लोकसभा चुनावः घोषणापत्र में अफस्पा पर बचाव की मुद्रा में आई उत्तराखंड कांग्रेस
उत्तराखंड में एयर सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को लेकर पहले ही एहतियात बरत रही कांग्रेस एक बार फिर बचाव मुद्रा में है। कांग्रेस के नेता इस मामले में साफतौर पर टिप्पणी से बच रहे हैं।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। उत्तराखंड में एयर सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को लेकर पहले ही एहतियात बरत रही कांग्रेस एक बार फिर बचाव मुद्रा में है। इस बार पार्टी के घोषणापत्र में आर्मड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को लेकर सामने आए रुख के बावजूद राज्य में कांग्रेस के नेता इस मामले में साफतौर पर टिप्पणी से बच रहे हैं।
सैनिक बहुल राज्य में जब लोकसभा का चुनावी पारा चढ़ा है, ऐसे में पार्टी पांचों लोकसभा क्षेत्रों में अफस्पा के मुद्दे पर किसी तरह की चर्चा से परहेज कर न्याय योजना के तहत गरीब लोगों के खातों में 72 हजार रुपये डालने समेत अन्य लुभावने वायदों की पोटली से मतदाताओं का विश्वास जीतने पर ज्यादा भरोसा कर रही है।
वहीं अफस्पा और सेडिशन एक्ट को लेकर भाजपा ने आक्रामक रुख अपना लिया है। उत्तराखंड में पांचों लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार चरम पर है। राज्य की पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस इस बार भी मोदी लहर पर सवार भाजपा से लोकसभा छीनने के लिए हाथ-पांव मार रही है।
वहीं भाजपा पर प्रहार करने के लिए राज्य की प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार के पांच साल और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार के दो साल के कार्यकाल में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और जनता से किए गए वायदे पूरे नहीं किए जाने को ही उत्तराखंड में मुख्य मुद्दे के तौर पर लगातार उठा रही है।
सैनिक बहुल राज्य होने की वजह से कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को तूल नहीं दे रही है। यही वजह रही कि बीती 16 मार्च को देहरादून में चुनावी जनसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को छूना तक गवारा नहीं किया था। अब अफस्पा को लेकर कांग्रेस के घोषणापत्र में जो बात कही गई है, उससे प्रदेश में पार्टी नेता एक बार फिर खुद को असहज पा रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अफस्पा को हटाने की बात कांग्रेस ने नहीं की है, सिर्फ परिस्थितियों पर विचार करने पर जोर दिया गया है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी ने अफस्पा का अध्ययन करने की बात कही है। इसे हटाने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने ने यह जरूर कहा कि देशद्रोह को लेकर बने कानून को दोबारा परिभाषित करने की जरूरत है।
राजनीतिक विद्वेष या किसी के खिलाफ कुछ कहने मात्र को देशद्रोह करार नहीं दिया जा सकता। भाजपा को देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में भी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी घोषणापत्र को जारी किया जाएगा।
वहीं कांग्रेस के घोषणापत्र में अफस्पा और सेडिशन एक्ट को लेकर भाजपा आक्रामक है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अफस्पा और सेडिशन एक्ट हटाने की बात कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं, देश की एकता और संप्रभुता से यह खिलवाड़ देश की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। बाकी गरीब का ख्याल कांग्रेस ने कितना रखा, 55 साल का उनका शासन, उसका गवाह है।
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