जागरण फिल्म फेस्टिवल में दून के सिने प्रेमियों से रूबरू होंगे अभिनेता मुकुल देव
जागरण फिल्म फेस्टिवल में हम एक ऐसे अभिनेता से आपका परिचय करा रहे हैं, जिसने छोटे और बड़े परदे पर नकारात्मक भूमिका निभाकर अपनी जगह बनाई। इस हीरो का नाम है मुकुल देव।
देहरादून, [दिनेश कुकरेती]: लोग अक्सर इंडस्ट्री में हीरो बनने की तमन्ना लिए ही आते हैं, लेकिन 'जागरण फिल्म फेस्टिवल' में हम एक ऐसे अभिनेता से आपका परिचय करा रहे हैं, जिसने छोटे और बड़े परदे पर नकारात्मक भूमिका निभाकर अपनी जगह बनाई। वह एक हीरो नहीं, बल्कि एक विलन के रूप में इंडस्ट्री में उभरे। इस हीरो का नाम है मुकुल देव। 30 सितंबर 1974 को दिल्ली के एक खत्री परिवार में जन्मे मुकुल के पिता पुलिस कमिश्नर रहे, तो उनके बड़े भाई राहुल देव एक जाने-माने अभिनेता हैं। मुकुल ने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।
पायलट बनकर भरी अभिनय की उड़ान
मुकुल एक टे्रंड पायलट भी हैं। फिल्मों में आने से पहले वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन, पढ़ाई पूरी करने के बाद जब समय भविष्य की राह चुनने का आया तो मुकुल ने भी अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए अभिनय को ही प्राथमिकता दी। मुकुल ने अपने एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत फिल्म 'मुमकिन' से की, जिसमें उनके किरदार का नाम विजय पांडे था। इसके बाद उन्होंने दूरदर्शन का धारावाहिक 'एक से बढ़कर एक' जैसा कॉमेडी शो किया।
जिसमें वे अपने सीरियस अंदाज को छोड़ कॉमेडी करते नजर आए। 'कहीं दिया जले कहीं जिया', 'कहानी घर-घर की', 'प्यार जिंदगी है' और 'कभी-कभी प्यार कभी-कभी यार' जैसे धारावाहिकों में भी मुकुल ने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। उन्होंने 'फियर फैक्टर इंडिया सीजन-एक' जैसे रियलिटी शो को होस्ट भी किया है। इसके अलावा वह 'खतरों के खिलाड़ी सीजन-एक' के विजेता भी रह चुके हैं।
फिल्म 'दस्तक' में मिला पहला ब्रेक
छोटे परदे में भाग्य आजमाने के बाद मुकुल ने फिल्मों में हाथ आजमाया। पहला ब्रेक उन्हें फिल्म 'दस्तक' में मिला। इसमें उन्होंने एसीपी रोहित शर्मा का किरदार निभाया। फिल्म 'किला', 'वजूद', 'कोहराम', 'मुझे मेरी बीवी से बचाओ' जैसी कई फिल्मों में भी मुकुल ने काम किया। हाल ही में वह 'यमला पगला दीवाना' 'सन ऑफसरदार' 'जय हो' और 'आर. राजकुमार' में भी नजर आए थे।
कई भाषाओं में कर चुके काम
मुकुल अब तक 'हिंदी' 'पंजाबी' 'बंगाली' 'कन्नड़' और 'तेलुगू' सभी भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके हैं। वह अपनी पंजाबी फिल्म 'शरीक' के लिए बेस्ट विलन का 'पीटीसी पंजाबी फिल्म' अवार्ड जीत चुके हैं। वहीं फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में बेहतर अभिनय के लिए उन्होंने 'अमरीश पुरी अवार्ड' अपने नाम किया।
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