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बजट इस्तेमाल नहीं तो नपेंगे मुख्य नगर अधिकारी, धनराशि खर्च नहीं करने वाले निकायों को शासन ने दी चेतावनी

अक्सर बजट का रोना रोने वाले शहरी निकाय 14वें और 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली आर्थिक मदद का समय पर इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना संकट का हवाला देकर पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र से मिले अनुदान को अब तक खर्च नहीं किया जा सका है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 06:05 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 06:05 AM (IST)
बजट इस्तेमाल नहीं तो नपेंगे मुख्य नगर अधिकारी, धनराशि खर्च नहीं करने वाले निकायों को शासन ने दी चेतावनी
बजट इस्तेमाल नहीं तो नपेंगे मुख्य नगर अधिकारी, धनराशि खर्च नहीं करने वाले निकायों को शासन ने दी चेतावनी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। अक्सर बजट का रोना रोने वाले शहरी निकाय 14वें और 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली आर्थिक मदद का समय पर इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना संकट का हवाला देकर पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र से मिले अनुदान को अब तक खर्च नहीं किया जा सका है। कोरोना से पहले 2019-20 में भी धनराशि खर्च नहीं करने वाले निकायों को शासन ने चेतावनी दी है। जल्द ही बजट का उपयोग नहीं होने पर संबंधित निकायों के मुख्य नगर अधिकारी या अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश शासन ने दिए हैं।

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शहरी निकायों को अब वित्तीय अनुदान के लिए केंद्र और राज्य की मनमर्जी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। केंद्र सरकार की पहल के बाद अब तय समय पर केंद्र और राज्य की सरकारों की ओर से अनुदान राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है। इस बड़े बदलाव के बावजूद बजट के इस्तेमाल को लेकर निकाय अपने रवैये में अपेक्षित सुधार नहीं कर सके हैं। कोरोना महामारी से पहले वर्ष 2019-20 में भी वे 14वें वित्त आयोग से मिले अनुदान का उपयोग नहीं कर पाए हैं।

इस अनुदान का सबसे पहले उपयोग निकायों के कार्मिकों के वेतन, भत्तों के भुगतान के साथ ही सेवानिवृत्त कार्मिकों के देयकों के लिए करने के निर्देश हैं। शेष धनराशि का उपयोग स्वच्छता एवं उससे जुड़े जरूरी उपकरणों व वाहनों की खरीद के लिए किए जाने की व्यवस्था है। बची हुई धनराशि का उपयोग जलापूर्ति और अन्य विकास कार्यों पर करने के स्पष्ट निर्देश हैं। इसके बावजूद कई निकाय 2019-20 के लिए मिले अनुदान का उपयोग करने से वंचित रह गए। सरकार ने इनके लिए बजट का उपयोग करने की सीमा 31 अगस्त तक बढ़ाई है।

15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से मिले धन का उपयोग करने के लिए भी समय अवधि इसीतरह बढ़ाई गई है। दरअसल, निकायों ने बजट का उपयोग नहीं कर पाने की वजह से समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। वित्त की ओर से जारी शासनादेश में उन्हें यह रियायत सख्त पाबंदी के साथ दी गई है। बढ़ाई गई उपयोगिता अवधि तक बजट का सदुपयोग सभी निकायों को करना होगा। साथ ही सितंबर माह के पहले हफ्ते तक उपयोगिता प्रमाणपत्र शहरी विकास विभाग को हर हाल में उपलब्ध कराना होगा।

शहरी विकास निदेशक इन उपयोगिता प्रमाणपत्रों को शासन को उपलब्ध कराएंगे। 14वें व 15वें वित्त आयोग की धनराशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र अलग-अलग उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कुल शहरी निकायों में आठ नगर निगम, 41 नगरपालिका परिषद और 38 नगर पंचायत और तीन गैर निर्वाचित निकाय हैं।

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